राजधानी जयपुर में MNIT कैंपस के VLTC भवन में तेंदुआ घुसने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंचे वन विभाग ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद तेंदुए का सुरक्षित रेस्क्यू किया।
जयपुर: मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT) कैंपस में तेंदुआ देखे जाने की सूचना फैलते ही छात्रों और स्टॉफ में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई और वन विभाग को तुरंत अलर्ट किया गया। बताया गया कि तेंदुआ सुबह से ही कैंपस में घूम रहा था और बाद में वह वीएलटीसी (VLTC) भवन में घुसकर घंटों तक छिपा रहा।
बता दें कि बीते दिन ही कैंपस के आसपास पगमार्क देखे गए थे, जिससे अंदेशा था कि आसपास के जंगलों से कोई बड़ा जंगली जानवर परिसर में आ सकता है। मंगलवार को यह आशंका सच हो गई। तेंदुआ जैसे ही VLTC बिल्डिंग में दाखिल हुआ, वहां मौजूद छात्रों में अफरा-तफरी मच गई। कॉलेज प्रशासन ने तुरंत भवन खाली करवाया और प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा घेरा बना दिया।
वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तेंदुए की लोकेशन ट्रैस कर ऑपरेशन शुरू किया। टीम को जानकारी मिली कि तेंदुआ बिल्डिंग के एक कोने में छिपा बैठा है। उसे वहां से सुरक्षित निकालने के लिए तुरंत पिंजरा, नेट और ट्रैंक्विलाइजर की व्यवस्था की गई। लगभग तीन घंटे की कठिन मशक्कत के बाद तेंदुए को बेहोश कर रेस्क्यू कर लिया गया।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, MNIT परिसर में पहले भी तेंदुआ दिखाई दे चुका है। यहां ‘पूजा’ नाम की एक मादा तेंदुआ कई वर्षों से रहती है और कैंपस के पास बने हरियाली क्षेत्र में उसका मूवमेंट देखा जाता रहा है।
आशंका है कि मंगलवार को देखा गया तेंदुआ उसी का शावक हो सकता है। कुछ महीने पहले गोपालपुरा पुलिया के पास भी इसी तरह एक तेंदुआ भटक गया था, जो बाद में अपनी मां के पास वापस चला गया था।
अधिकारियों ने बताया कि शहर में वन क्षेत्र सिकुड़ने और लगातार बढ़ते निर्माण कार्यों की वजह से जंगली जानवरों का आबादी वाले इलाकों में भटकना बढ़ रहा है। हालांकि, MNIT कैंपस में पेड़-पौधों और खुले क्षेत्र की भरपूर मौजूदगी जंगली जीवों के छिपने के लिए उपयुक्त स्थान बनाती है।
फिलहाल, तेंदुए को सुरक्षित पकड़कर वन विभाग अपने संरक्षण में ले गया है। कैंपस प्रशासन ने छात्रों को अगले 24 घंटे सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से एकांत क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है।