Rajasthan High Court Order: एसएमएस अस्पताल घूसकांड मामले में हाईकोर्ट से बड़ा फैसला सामने आया है। रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार न्यूरो सर्जरी विभाग के तत्कालीन प्रभारी डॉ. मनीष अग्रवाल को न्यायिक राहत मिली है।
Dr. Manish Agarwal Bribe Case Update: ब्रेन कॉइल का बिल पास करने के बदले एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के तत्कालीन प्रभारी डॉ. मनीष अग्रवाल के खिलाफ राज्य सरकार ने अब तक अभियोजन की अनुमति नहीं दी है। इसके चलते न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे डॉ. अग्रवाल और उसके सहयोगी जगत सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिल गई।
हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले में चालान पेश हो चुका है, लेकिन अभी तक अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट मामले में संज्ञान नहीं ले सकती और ट्रायल पूरा होने में समय लगेगा। इसलिए आरोपियों को जमानत का लाभ देना उचित है। न्यायाधीश अनिल कुमार उपमन ने डॉ. अग्रवाल व जगत सिंह की जमानत याचिकाओं पर यह आदेश दिया।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता दीपक चौहान ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता की डॉ. मनीष अग्रवाल से पहले कभी मुलाकात नहीं हुई थी। न तो उनके कब्जे से कोई रिश्वत राशि बरामद हुई और न ही उन्होंने राशि की मांग की। परिवादी ने भी डॉ. अग्रवाल पर सीधे तौर पर रिश्वत मांगने का आरोप नहीं लगाया है।
जो राशि रिश्वत की रकम बताई जा रही है वह याचिकाकर्ता के बजाय पास के प्लॉट में मिली थी। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि अस्पताल प्रशासन ने टेंडर और बिल प्रक्रिया के लिए अलग से समिति गठित कर रखी है तथा डॉ. अग्रवाल के पास ब्रेन कॉइल से संबंधित कोई बिल लंबित नहीं था। इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। सरकारी वकील ने इसका विरोध किया।