Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति आने में अभी कई दिन शेष हैं, लेकिन अभी से पतंगबाजी की रौनक दिखाई देने लगी है।
Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति के अभी कई दिन शेष है, लेकिन आसमान में पतंगें अठखेलियां करती नजर आने लग गई हैं। बाजारों में जगह-जगह पतंगों की बिक्री शुरू होते ही बच्चे व युवा पतंगबाजी में मशगूल होने लगे हैं। स्कूलों से आने के बाद बच्चे घरों की छतों पर पहुंचकर पतंगबाजी का लुत्फ उठा रहे है। हालांकि दुकानों पर अभी ग्राहकी कम है।
दुकानदार बच्चों एवं युवाओं को आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। दुकानों के बाहर एक से बढ़कर एक हर दाम और वैरायटी की पतंगें सजाना शुरू कर दिया है। जयपुर में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का उत्साह परवान पर रहता है। बच्चे एवं युवाओं के साथ युवतियां भी जमकर पतंगबाजी का लुत्फ उठाती हैं।
बाजारों में दुकानों पर पतंगों की कई तरह की वैरायटी उपलब्ध है। कागज के साथ पन्नी की पतंगों में भी कई वैरायटी है, जो 5 रुपए से 100 रुपए तक बिक रही है।
हालांकि अभी पतंग एवं मांझों की बिक्री कम है, लेकिन दुकानदारों को जल्द इनकी बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। स्कूलों में अवकाश शुरू होते ही पतंगों की खूब खरीदारी होगी ।
राजस्थान में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी 2026 को मनाई जाएगी।
इस दिन प्रदेश का आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सज उठता है। जयपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों, कस्बों और गांवों में हर ओर 'वो काटा' की गूंज सुनाई देती है।
मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नान-दान और सूर्य पूजन का विशेष महत्व है। तिल-गुड़, गजक, रेवड़ी और घेवर जैसे पारंपरिक व्यंजन घर-घर में बनाए जाते हैं, जो आपसी सौहार्द और मिठास का प्रतीक हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी पतंगबाजी में पूरे उत्साह से भाग लेते हैं। पतंगों की डोर थामे लोग न केवल प्रतिस्पर्धा करते हैं, बल्कि आनंद और भाईचारे का संदेश भी फैलाते हैं। जयपुर में शाम होते-होते आसमान में लालटेन और आतिशबाजी का दृश्य मकर संक्रांति के पर्व को और भी खास बना देता है।