जयपुर

Railway Group D Exam: कम समय में अमीर बनने की चाह में बना सरगना, डमी कैंडिडेट बैठाने के बदले वसूलता मोटी रकम

Dummy Candidate Case: रेलवे ग्रुप-डी भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले में सांगानेर सदर पुलिस की पकड़ में आया बिहार निवासी गौतम कुमार कम समय में अमीर बनने की चाह में इस फर्जीवाड़े के धंधे में उतरा

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Dec 19, 2025
सरगना गौतम कुमार। फोटो: पत्रिका

जयपुर। रेलवे ग्रुप-डी भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले में सांगानेर सदर पुलिस की पकड़ में आया बिहार निवासी गौतम कुमार कम समय में अमीर बनने की चाह में इस फर्जीवाड़े के धंधे में उतरा। पुलिस पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि नौकरी के मुकाबले इस अवैध काम में अधिक और जल्दी पैसा कमाने का रास्ता नजर आया। वह गिरोह का सरगना बन गया।

पुलिस के अनुसार गौतम एक डमी कैंडिडेट बैठाने के बदले करीब सवा लाख रुपए वसूलता था। सौदे के तहत पहले 30 हजार रुपए एडवांस लिए जाते थे और परीक्षा सफलतापूर्वक हो जाने के बाद शेष रकम वसूलता था। परीक्षा का स्तर जितना बड़ा होता, रकम उतनी ही अधिक तय की जाती थी। इसी लालच में वह रेलवे ग्रुप-डी के साथ अन्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में भी डमी कैंडिडेट उपलब्ध कराता रहा।

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खुद भी दे चुका कई परीक्षा

जांच में सामने आया है कि गौतम सिर्फ दूसरों के लिए व्यवस्था करने तक सीमित नहीं था। वह खुद भी कई बार डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दे चुका है। वर्ष 2022 में जयपुर के कानोता क्षेत्र में वह डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। इसके अलावा उसने उत्तर प्रदेश और बिहार में कुल दस परीक्षाएं दीं, जिनमें छह बार वह स्वयं डमी कैंडिडेट बना, जबकि चार मामलों में उसने किसी अन्य को मूल अभ्यर्थी के स्थान पर बैठाया। रेलवे ग्रुप-डी के ताजा मामले में दौसा निवासी संजीव ने गौतम से संपर्क किया था। मामले में ऋषभ रंजन और गौतम की गिरफ्तारी के बाद मूल अभ्यर्थी अभिषेक मीना और संजीव फरार हो गए।

फर्जीवाड़े का रैकेट

गौरतलब है कि इस परीक्षा में ऋषभ रंजन को अभिषेक मीना के स्थान पर भेजा गया था, लेकिन परीक्षा केंद्र पर फेस बायोमेट्रिक स्कैन में चेहरा मेल नहीं खाने से फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह संगठित रैकेट है, जिसमें डमी कैंडिडेट, सौदा तय कराने वाले और मूल अभ्यर्थी शामिल हैं। पूछताछ के दौरान और नाम सामने आने की संभावना है।

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