E-Rickshaw Driver Murder Case: साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने मोबाइल की नई सिम खरीदी और उसी पर आपस में बातचीत करते रहे ताकि किसी को संदेह न हो।
रिश्तों को तार-तार करने वाली वारदात में मुहाना थाना पुलिस ने ई-रिक्शा चालक मनोज कुमार रैगर की हत्या का पर्दाफाश कर उसकी पत्नी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मृतक की पत्नी संतोष रैगर पति की मारपीट और शक करने की आदत से परेशान थी। इसी कारण उसने अपने दोस्त और उसके साथी के जरिए पति की हत्या की साजिश रची।
डीसीपी (साउथ) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि आरोपी कई महीनों से हत्या की साजिश रच रहे थे। मौत के बाद भी दोस्त के साथ मिलकर पुलिस से बचने के लिए क्राइम पर बनी वेब सीरीज और सीआईडी जैसे धारावाहिकों के एपिसोड देखती रहती थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी और मनोवैज्ञानिक तरीकों से आरोपियों तक पहुंच बनाई। गिरफ्तार आरोपियों में दुसाद नगर द्वितीय मालपुरा गेट निवासी मृतक की पत्नी संतोष रैगर, उसका दोस्त मूलत: फर्रूखाबाद हाल मालपुरा गेट स्थित शिव कॉलोनी निवासी रिसी श्रीवास्तव और मालपुरा गेट स्थित भोमियाजी का चबूतरा निवासी मोहित शर्मा शामिल हैं। हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने में हेड कांस्टेबल हंसराज, कांस्टेबल ओमप्रकाश डोबर व राजेश की अहम भूमिका रही।
साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने मोबाइल की नई सिम खरीदी और उसी पर आपस में बातचीत करते रहे ताकि किसी को संदेह न हो। योजना के अनुसार मनोज का परिचित रिसी उसे पहचानता था इसलिए उसने साथी मोहित को वारदात के लिए साथ लिया। जन्माष्टमी की शाम को मोहित ने मनोज को ई-रिक्शा इस्कॉन मंदिर तक किराए पर ले जाने के लिए तैयार किया। रास्ते में मोहित परिचित को साथ लेने के बहाने मनोज को सुमेर नगर में सुनसान जगह पर ले गया जहां रिसी पहले से मौजूद था। रिसी व मोहित ने मिलकर धारदार हथियार से मनोज की गर्दन काट दी।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हत्या के बाद वे पैदल रीको कांटा की तरफ भागे। वहां खून से सने कपड़े उतारकर नए कपड़े पहन लिए और फिर अलग-अलग अपने घर चले गए।
मृतक मनोज के छोटे भाई अशोक ने बताया कि जन्माष्टमी की शाम करीब 4 बजे मनोज सवारी लेकर गया था। रात 10 बजे तक घर नहीं लौटा तो उन्होंने उसके मोबाइल पर कॉल की। फोन पुलिस ने उठाया और उन्हें सुमेर नगर आने को कहा। वहीं पहुंचने पर भाई की हत्या का पता चला।