जयपुर

बुढ़ापा नहीं, नया आगाज़: 73 में पीएचडी, 71 में CA बनने की कहानी, जानिए इन शख्सि​यतों की सफलता का राज

जोधपुर में हनुमान सिंह इंदा ने 73 वर्ष की उम्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की है तो संगरिया के ताराचंद अग्रवाल 71 साल की उम्र में सीए बनकर एक बेमिसाल उदाहरण पेश किया है।

2 min read
Jul 16, 2025
ताराचंद अग्रवाल बने सीए, हनुमान सिंह इंदा को डॉक्टरेट, पत्रिका फोटो

जयपुर. कहते हैं ​सीखने और शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती, व्यक्ति ताउम्र ज्ञान अर्जित कर सकता है। इसी बात को राजस्थान की दो बुजुर्ग शख्सियतों ने सही साबित करके दिखाया है। जोधपुर में हनुमान सिंह इंदा ने 73 वर्ष की उम्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की है तो संगरिया के ताराचंद अग्रवाल 71 साल की उम्र में सीए बनकर एक बेमिसाल उदाहरण पेश किया है।

ये भी पढ़ें

राजस्थान में इस भाजपा विधायक को लगी पढ़ाई की लगन, 67 वर्ष की उम्र में दे रहे पीजी की परीक्षा, पीएचडी करना है सपना

हनुमान सिंह इंदा को पीएचडी उपाधि

मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के डीन एकेडमिक्स डॉ. इमरान खान के अनुसार विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग से जुड़े शोधकर्ता हनुमान सिंह इंदा की कहानी प्रेरणादायक है। इनके शोध का विषय ‘समग्र शिक्षा अभियान: जोधपुर जिले के राजकीय विद्यालयों में कार्यक्रमों की क्रियान्विती-उपलब्धियों पर शोध प्रबन्धन' रहा। हनुमान सिंह अर्थशास्त्र व्याख्याता पद पर रहते हुए 41 वर्षो तक सशक्त शिक्षक की सेवाएं देकर सेवानिवृत हुए। खुद अर्थशास्त्र के विद्यार्थी होने के बावजूद भी उन्होंने एज्यूकेशन विषय को अपने शोध के लिए चुना ये बड़ा चुनौतीपूर्ण एवं शिक्षा क्षेत्र के लिए सराहनीय कार्य है।

ताराचंद अग्रवाल बने सीए

राजस्थान में संगरिया के मूल और जयपुर निवासी सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी ताराचंद अग्रवाल ने चार दशक बाद अध्ययन की राह पकड़ते हुए 71 वर्ष की उम्र में सीए की फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण की है। भारतीय स्टेट बैंक के अजमेर अंचल से सहायक महाप्रबंधक पद से 2014 में सेवानिवृत्त अग्रवाल ने कोरोना काल में पत्नी दर्शना अग्रवाल के निधन के बाद उन्होंने खुद को पढ़ाई में झोंक दिया।

2022 में सीए इंटर का एक ग्रुप, 2023 में दूसरा और जुलाई 2025 में फाइनल परीक्षा के दोनों ग्रुप पास कर यह उपलब्धि हासिल की। परिणाम आने के साथ ही उनकी तस्वीरें 71 वर्षीय अंकल बने सीए शीर्षक से सोशल मीडिया पर छा गई। वे 1999 में संगरिया से जयपुर शिफ्ट हो गए थे।

युवाओं के बने प्रेरणा स्त्रोत

प्रदेश की बुजुर्ग शख्सियतों ने शिक्षा के क्षेत्र में मुकाम हासिल कर एक नया इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही वे उन युवाओं के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं जो कई बार प्रयास करने के बाद भी उपने लक्ष्य को हासिल करने में असफल होकर गलत राह चुन रहे हैं।

ये भी पढ़ें

CM भजनलाल ने माना- सरकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार… अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाता योजनाओं का लाभ

Published on:
16 Jul 2025 01:29 pm
Also Read
View All

अगली खबर