Galta Teerth : हर मंगलवार को सुंदरकांड की चौपाइयां भी नहीं सुनाई देती। भोग बनाने के लिए दी जाने वाली राशि में कटौती के साथ ही 40 से अधिक पुजारियों को दो माह से वेतन भी नहीं मिला है।
जयपुर. गलता तीर्थ और उसके अधीन आने वाली संपत्तियों के प्रबंधन-संचालन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और देवस्थान विभाग को सौंपी थी। लेकिन दो माह बीतते-बीतते सरकार के स्तर पर गलता तीर्थ के संचालन की हकीकत सामने आने लगी है। पत्रिका टीम ने तीन दिन तक पड़ताल की तो सामने आया कि भगवान सीताराम सहित अन्य विग्रहों को बाटी-चूरमे की जगह दाल-रोटी का भोग लग रहा है। हर मंगलवार को सुंदरकांड की चौपाइयां भी नहीं सुनाई देती। भोग बनाने के लिए दी जाने वाली राशि में कटौती के साथ ही 40 से अधिक पुजारियों को दो माह से वेतन भी नहीं मिला है। जगह-जगह गंदगी के ढेर भी गलता तीर्थ की वर्तमान स्थिति बयां करते दिखे।
पुजारियों ने बताया कि देवस्थान विभाग ने इंस्पेक्टर की तैनाती तो की है, लेकिन सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। वेतन के लिए भी विभाग को पत्र लिखा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की ओर से महंत अवधेशाचार्य की नियुक्ति रद्द करने के बाद राज्य सरकार ने गलता तीर्थ के प्रबंधन-मॉनिटरिंग के लिए जयपुर कलक्टर को प्रशासक नियुक्त किया था। शुरुआत में देवस्थान विभाग के आलाधिकारियों और जिला प्रशासन के जिम्मेदारों ने कहा था कि पूर्व की भांति प्रतिदिन विधि-विधान से पूजा-पाठ होगी व भोग लगेगा। उस समय के सेवागीरों को ही सेवा-पूजा का जिम्मा सौंपा था व वेतन देवस्थान विभाग की ओर से दिया जाना था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा।
जल्द करेंगे व्यवस्थाओं को दुरुस्त
जल्द व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के प्रयास हैं। बाहर से रसोइया नहीं बुला सकते। सफाई के लिए हैरिटेज निगम को पत्र लिखा है। फिलहाल वेतन के लिए फाइल लंबित है।
-महेंद्र देवतवाल, सहायक आयुक्त, जयपुर द्वितीय, देवस्थान विभाग
घाट के बालाजी में हालात खराब
जयपुर के कुलदेवता के रूप में विख्यात घाट के बालाजी मंदिर में हर मंगलवार-शनिवार को हनुमानजी को सवामण चूरमे-बाटी का भोग लगाकर भक्तों को बांटा जाता था। अब यहां दाल-रोटी का भोग लगाया जा रहा है। भक्त बालकिशन व महेश ने बताया कि दाल, बाटी, चूरमा तैयार करने रसोइया बाहर से आता था, लेकिन देवस्थान विभाग के अधिकारियों की मंशा है कि मंदिर के पुजारी ही इसे तैयार करें।
पुजारी वहन कर रहे भोग का खर्च
संबंधित अधिकारी भोग सामग्री की लिस्ट उपलब्ध नहीं करा पाए। मंदिर से जुड़े भक्तों का कहना है कि कुछ पुजारी भोग के लिए स्वयं के स्तर पर सब्जी आदि का खर्च वहन कर रहे हैं। पहले विभाग की ओर से सब्जी दी जा रही थी अब वह भी नहीं मिल रही है।
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