Festival Travel Crisis: छठ पर्व पर घर लौटना होगा मुश्किल, तत्काल कोटे के भरोसे यात्री, ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनें अभी से फुल।
Chhath festival: जयपुर. छठ महापर्व पर घर लौटने वालों के लिए सफर आसान नहीं होगा। कारण कि, जयपुर समेत बिहार, यूपी, बंगाल और असम जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें अभी से फुल हो चुकी हैं। कई ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति भी देखी जा रही है। इतना ही नहीं, वर्तमान में ही तत्काल कोटे में भी मारामारी मची हुई है। उसमें भी वेटिंग ही मिल रही है। कोटा तुरंत फुल हो रहा है। इसके बावजूद भी रेलवे ने केवल नाममात्र की स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जो यात्रियों की असल जरूरत के सामने बेहद कम साबित हो रही हैं। नतीजा यह है कि लाखों यात्रियों के सामने छठ पर घर लौटने का संकट खड़ा हो गया है। यही हाल दिवाली के लिए भीे देखा जा रहा है।
दरअसल,छठ पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक रहेगा। इससे पहले 22 से 24 अक्टूबर तक जयपुर से पटना जाने वाली जियारत एक्सप्रेस में स्लीपर और थर्ड एसी में बुकिंग बंद हो चुकी है। बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में सेकंड एसी की स्थिति भी यही है। अजमेर-सियालदाह ट्रेन तो लगातार तीन दिन रिग्रेट दिखा रही है। जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में स्लीपर से लेकर फर्स्ट एसी तक सब फुल हो चुका है। 22 अक्टूबर को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में हर श्रेणी की बुकिंग बंद है। वहीं गरीब नवाज एक्सप्रेस से लखनऊ जाने वालों को भी 23 अक्टूबर को टिकट नहीं मिल रहा। हालात यह हैं कि रेलवे द्वारा चलाई गई कई स्पेशल ट्रेनों में भी थर्ड एसी तक की वेटिंग 50 से 100 तक पहुंच गई है।
रेलवे अधिकारियों की माने तो, उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में फिलहाल महज दो दर्जन स्पेशल ट्रेनें ही चल रही हैं। इसके अलावा 56 जोड़ी ट्रेनों में 154 अतिरिक्त कोच जोड़े गए हैं, लेकिन यह यात्रियों की असल मांग का एक हिस्सा भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। रेलवे सूत्रों के अनुसार मौजूदा हालात में डिमांड उपलब्ध ट्रेनों से कम से कम तीन गुना है। हालांकि 3 अक्टूबर से दरभंगा–मदार के बीच अमृतभारत एक्सप्रेस शुरू होने जा रही है और कुछ रूट पर और स्पेशल ट्रेनें बढ़ाई जाने की भी सूचना है। यदि ये शुरू होती है तो, कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
ट्रेन का कंफर्म टिकट न मिलने की स्थिति में हवाई यात्रा भी आसान विकल्प नहीं बची है। क्योंकि अभी टिकट बुकिंग करने पर जयपुर से पटना का किराया छठ पर्व के दौरान 14 से 15 हजार रुपए तक पहुंच चुका है, जो सामान्य से दोगुना है। लखनऊ और अन्य शहरों के हवाई किराए भी इजाफा हुआ है। ऐसे में लोगों के लिए रेल और हवाई दोनों विकल्प महंगे और मुश्किल साबित हो रहे हैं।
इस अव्यवस्था से यात्रियों में भारी रोष है। उनका कहना है कि रेलवे हर साल इस समस्या से वाकिफ होता है, फिर भी पर्याप्त स्पेशल ट्रेनें समय रहते नहीं चलाई जातीं। ऐसे मे त्योहार पर कंफर्म टिकट न मिलना उनके लिए भारी परेशानी बन रहा है।