Patrika Book Fair: जैसे त्योहारों के अनुसार मिठाइयां बनाई जाती है, उसी प्रकार कहानी में व्यंजन भी पाठक के अनुसार ही परोसना चाहिए।
जयपुर कहानी में कंटेंट श्रोता के हिसाब से ही परोसना जरूरी है। अगर श्रोता छोटा बच्चा है तो उसे वही कंटेंट परोसना चाहिए, जिसे सुनकर वह आनंदित हो।
बुजुर्ग को बच्चों का कंटेंट परोसेंगे तो उसे कहानी पसंद नहीं आएगी। यह कहना है पूर्व आइएएस मनोज कुमार शर्मा का। पत्रिका के बुक फेयर के दूसरे दिन 'स्टोरी टेलिंग' विषय पर सत्र का आयोजन किया गया।
इसमें पूर्व आइएएस मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि जैसे त्योहारों के अनुसार मिठाइयां बनाई जाती है, उसी प्रकार कहानी में व्यंजन भी पाठक के अनुसार ही परोसना चाहिए। सोशल मीडिया पर पॉडकास्ट भी कहानी का रूप है।