Patrika Raksha Kavach Abhiyan: पुलिस बन ठग ने बेटे को छोड़ने के बदले मांगे थे 30,000 रुपए, पत्रिका में खबर पढ़कर थे सचेत, घबराने की बजाय बेटे से की बात
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: मानसरोवर के स्वर्ण पथ निवासी 72 वर्षीय सुखदेव सिंह के लिए साइबर ठगों के खिलाफ पत्रिका का अभियान बेहद महत्वपूर्ण था। अभियान ने उन्हें जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई। पत्रिका में ठगी के तरीके और उनसे बचने के उपाय दिए गए थे। इन्हें पढ़ने के कारण वह साइबर ठगों का शिकार होने से बच गए।
उन्होंने बताया कि उनके पास वीडियो कॉल आया। वीडियो कॉल करने वाले ने बलात्कार के मामले में बेटे के फंसने की जानकारी दी। डिजिटल अरेस्ट करने के लिए उसने फोन काटे बिना बात करते रहने के लिए कहा। धमकी दी कि तुम्हारे बेटे को अभी पकड़ा है, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लेंगे। उसका भविष्य खराब हो जाएगा। उसे बचाना है तो बड़े अधिकारी से बात कर मामले को रफा-दफा कर लो। वह एक अकाउंट नंबर बताएंगे, जिसमें 30 हजार रुपए जमा करवा देना, तुम्हारे बेटे को छोड़ देंगे।
बुजुर्ग ने बताया कि पहले तो वह घबरा गए, लेकिन बाद में संभलते हुए उन्हें कॉल करने वाले को थाने में बेटे को देखने के बाद पैसे देने के लिए कहा। फोन काटकर बेटे से संपर्क किया तो बेटा सकुशल अपने ऑफिस में काम कर रहा था। पुन: कॉल आने पर साइबर ठग को थाने में शिकायत करने की बात कही तो उसने फोन काट दिया। इस तरह वह पत्रिका के कारण ठगी का शिकार होने से बच गए।
सोडाला में अम्बे नगर निवासी 60 वर्षीय संजय शर्मा ने बताया कि उनके पास वीडियो कॉल आया और फोन करने वाले बैंक खाते में अवैध लेन-देन होने की जानकारी दी। इससे आगे वह कुछ बोलता, थाने में शिकायत करने करने के लिए कहा, ठग ने तुरंत फोन काट दिया।
शर्मा ने बताया कि उन्होंने पत्रिका में साइबर ठगों की करतूत के बारे में पढ़ा था, इससे सीख लेकर ठग को उसी की भाषा में समझाया। संजय ने बताया कि साइबर ठग ने वाट्सऐप डीपी पर पुलिस वर्दी में फोटो लगा रखी थी। ताकि लोग उसके झांसे में आ सकें। उन्होंने जालसाज के नंबरों का स्क्रीन शॉट भी साझा किया है।