जयपुर

सैनेटरी नैपकिन के निस्तारण की नीति तैयार, ड्राफ्ट को सीएम ने दी मंजूरी

राजस्थान सैनेटरी नैपकिन डिस्पोजल ड्राफ्ट को सीएम भजनलाल शर्मा ने दी मंजूरी, पायलट प्रोजेक्ट की बस्सी ब्लॉक से होगी शुरूआत

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Apr 19, 2025
CM Bhajan Lal Sharma (फाइल फोटो : पत्रिका)

राजस्थान में सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नि:शुल्क बांटे जा रहे सैनेटरी नैपकिन के निस्तारण की राज्यस्तरीय नीति तैयार हो गई है। इसके ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी मंजूरी दे दी है। बजट के लिए वित्त विभाग को फाइल भेजी है। बजट मिलते ही इस पर काम शुरू होगा। इसे लेकर महिला अधिकारिता विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बस्सी ब्लॉक से इसकी शुरुआत होगी। ब्लॉक पर 3 से 4 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी निगरानी समिति

इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के महिला अधिकारिता विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वहीं राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी, जो हर 6 माह में सैनेटरी नैपकिन के निस्तारण व प्रबंधन की निगरानी करेगी। इसके अलावा नगर निगम, नगर निकाय, शहरी विकास व आवास विभाग, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंचायती राज विभाग व स्वच्छ भारत मिशन आदि की भी भूमिका होगी।

रीयूजेबल उत्पादों का उपयोग बढ़ाएं

सैनेटरी नैपकिन के अपशिष्ट के सुरक्षित व प्रभावी प्रबंधन पर भी फोकस किया गया है। इसके लिए सैनेटरी नैपकिन के कचरे का संग्रहण को शामिल किया गया है। वहीं रीयूजेबल उत्पादों का उपयोग बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें मेन्स्ट्रुअल कप के अलावा पुन: उपयोग किए जाने वाले कपड़े के डायपर आदि के उपयोग को लेकर जागरूक किया जाएगा।

राज्यस्तरीय नीति के अनुसार सैनेटरी नैपकिन का ऑफसाइट और ऑनसाइट दोनों तरह से निस्तारण होगा। ऑफसाइट निस्तारण के लिए बायोमेडिकल इंसिनरेटर, रीसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी व वेस्ट टू एनर्जी जैसी तकनीक का उपयोग होगा। वहीं दूर-दराज क्षेत्रों में जहां कनेक्टीविटी अच्छी नहीं है या कोई अन्य समाधान नहीं है। वहां ऑनसाइट निस्तारण के लिए डीप बरियल पिट्स (गहरे गड्ढे) का उपयोग किया जाएगा।

Published on:
19 Apr 2025 08:14 am
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