घर से खाना भूलकर ट्रेन पर भरोसा करना कई बार भारी पड़ रहा है। ऐसे यात्रियों को खाने की गुणवत्ता, उपलब्धता और ओवरचार्जिंग को लेकर समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। पिछले पांच माह में उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में खान-पान संबंधी 300 से अधिक शिकायतें रेल मदद ऐप के जरिये दर्ज हुईं।
जयपुर.ट्रेन से सफर करने वाले कई यात्रियों के लिए खान-पान अब बड़ी परेशानी बन गई है। घर से खाना भूलकर ट्रेन पर भरोसा करना कई बार भारी पड़ रहा है। ऐसे यात्रियों को खाने की गुणवत्ता, उपलब्धता और ओवरचार्जिंग को लेकर समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। पिछले पांच माह में उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में खान-पान संबंधी 300 से अधिक शिकायतें रेल मदद ऐप के जरिये दर्ज हुईं। इनमें सर्वाधिक मामले जयपुर मंडल से जुड़े हैं। इस संबंध में यात्रियों का कहना है कि तय दर से ज्यादा पैसे वसूलने और घटिया क्वालिटी का खाना परोसने से वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। पानी की बोतल तक एमआरपी से ऊपर बेचे जाने की भी शिकायतें सामने आई हैं। कई यात्रियों ने फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए हैं।
दीपावली और छठ पर्व पर स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। क्योंकि ट्रेनों में भीड़ बढ़ने से खाने की मांग कई गुना बढ़ेगी और वेंडर मनमानी पर उतरेंगे। ओवरचार्जिंग, घटिया खाना और अवैध वेंडिंग की शिकायतें और बढ़ेंगी। ऐसे में सख्त कदम उठाने की जरूरत है। रेलवे की लापरवाही के चलते ट्रेनों में अवैध वैंडर्स बेखौफ होकर यात्रियों से मनमानी वसूली करने में नहीं चुकते।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि शिकायत मिलने पर दोषी वेंडर पर जुर्माना लगाया जाता है और कार्रवाई की जाती है। हकीकत ये है कि इन कार्रवाई से यात्रियों को पूरी तरह से राहत नहीं मिल रही है। समस्याएं जस की तस हैं और रोजाना नई शिकायतें सामने आ रही हैं। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन ट्रेनों में अवैध वेंडर्स के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
रेलवे से मिले आंकड़ों के अनुसार रेल मदद ऐप के जरिये अप्रेल से सितंबर तक 308 शिकायतें दर्ज हुईं है। उनमें अजमेर मंडल में 61, बीकानेर 49, जोधपुर 91 और जयपुर मंडल में सर्वाधिक 106 शिकायतें सामने आईं। एक शिकायत उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय तक भी पहुंची है। उनमें खाने की अनुपलब्धता, ओवरचार्जिंग, खराब क्वालिटी और सर्विस की लापरवाही की शिकायत शामिल है।