राजस्थान के कई जिलों में बारिश कहर बनकर टूट पड़ी है। बांध का पानी छोड़ने के बाद धौलपुर में बाढ़ जैसे हालात हैं। बचाव के लिए सेना को उतारना पड़ा।
जयपुर। कोटा संभाग में भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के बाद चंबल नदी में जलस्तर 142.62 मीटर पहुंच गया। यह खतरे के निशान से 11 मीटर अधिक है। इससे धौलपुर के करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालयों से कट गया।
कई मकान पानी में डूब गए। कुल 24 गांवों में करीब 2500 आबादी को स्कूल, आंगनबाड़ी समेत ऊंचे स्थानों पर ठहराया गया। सबसे अधिक प्रभावित राजाखेड़ा उपखंड रहा। वहीं बाढ़ की स्थिति के चलते जिला प्रशासन ने सेना को बुलाया है।
हाड़ौती संभाग में कालीसिंध, पार्वती, परवन, खटफाड़, बरनी, बाणगंगा सहित सभी नदियां उफान पर हैं। इससे श्योपुर, झालावाड़, गुना आदि के रास्ते बाधित हो गए। बूंदी जिले के लाखेरी के पास मेज नदी की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। बारां जिले में छबड़ा के गुगोर किले की दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया।
मौसम केन्द्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी यूपी व आसपास के पूर्वी राजस्थान के ऊपर परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। इसके असर जयपुर संभाग के शेखावाटी क्षेत्र व बीकानेर संभाग में कहीं-कहीं भारी-अतिभारी बारिश होने और अजमेर, कोटा, भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। दो अगस्त को राज्य के अधिकांश भागों में भारी बारिश से राहत मिलने की संभावना है।
धौलपुर एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के जवानों ने राजाखेड़ा, धौलपुर और बाड़ी उपखंड के प्रभावित गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान भिजवाया।