Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा सरकार पर उनकी जासूसी करने के आरोप लगाने के बाद सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ।
Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को फोन टैपिंग का मुद्दा गरमा गया। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा सरकार पर उनकी जासूसी करने और फोन टैपिंग के आरोप लगाने के बाद सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। जैसे ही सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कैबिनेट मंत्री का फोन टैप हो रहा है। एक मंत्री खुद मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।
विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर जमकर नारेबाजी की और सदन के वेल में उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया। इसी दौरान भाजपा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने भगवा गमछा लहराकर सत्ता पक्ष का समर्थन किया।
लगातार हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्ष को मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आप रघुपति राघव राजाराम गाते हुए विरोध कर रहे हैं, लेकिन भगवान राम के जीवन से मर्यादा भी सीखिए। आपकी प्रश्नकाल में कोई रुचि नहीं है, इसलिए अब सभी मंत्रियों को प्रश्नों का जवाब देने की अनुमति होगी।
सत्ता पक्ष की ओर से मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि फोन टैपिंग पर कांग्रेस को बोलने का कोई हक नहीं है। पिछली सरकार में खुद डिप्टी सीएम ने मुख्यमंत्री पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे।
कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को जयपुर के आमागढ़ मंदिर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपनी ही सरकार पर जासूसी करने और फोन टैपिंग के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मेरी जासूसी हो रही है। फोन टैपिंग की जा रही है। पिछली सरकार में भी यही किया गया था, लेकिन मैंने सभी को चकमा दे दिया था। अब फिर से वही हो रहा है।
किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने भ्रष्टाचार के कुछ मामलों को उजागर किया, तो सरकार ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि 50 फर्जी थानेदारों को गिरफ्तार किया गया था। मैंने जब परीक्षा रद्द करने की मांग की, तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी। उल्टा मेरे खिलाफ ही सीआईडी लगा दी गई और फोन टैपिंग शुरू कर दी गई। लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।
बताते चलें कि शुक्रवार को पहले नेता प्रतिपक्ष और फिर मुख्यमंत्री गवर्नर के अभिभाषण पर अपनी बात रखेंगे। विधानसभा में फोन टैपिंग का मुद्दा गरमाने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस पर सफाई देंगे?