Rajasthan Big News : राजस्थान के लिए बड़ी खबर। राजस्थान के प्रमुख रुट पर वंदेभारत ट्रेन का सपना अब अधूरा रह जाएगा। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से कई प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली।
Rajasthan Big News : राजधानी जयपुर से प्रमुख रूट पर वंदेभारत ट्रेन का सपना अब भी अधूरा है। जयपुर से इंदौर, जोधपुर और बीकानेर जैसे महत्वपूर्ण रूट पर वंदेभारत ट्रेनों का संचालन केवल प्रस्तावों तक ही सीमित रह गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से कई प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजे जा चुके हैं, लेकिन न तो मंजूरी मिली और न ही ट्रेनें पटरी पर उतर सकीं।
करीब दो वर्ष पहले उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में आठ वंदेभारत ट्रेनें चलाने का दावा किया गया था, लेकिन अब तक केवल चार रूट पर ही संचालन शुरू हो सका है। जयपुर मंडल को अब तक एक भी वंदेभारत की सौगात नहीं मिली, जबकि अजमेर मंडल को दो रैक मिल चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष जयपुर को एक वंदेभारत रैक मिली थी, जो मंजूरी नहीं मिलने के कारण महीनों यार्ड में खड़ी रही और अंतत: उसे दूसरे जोन को भेजना पड़ा।
रेलवे कर्मचारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र में वंदेभारत ट्रेनों का संचालन बड़े पैमाने पर हो रहा है, लेकिन राजस्थान में यह बेहद सीमित है। राजधानी जयपुर जैसे बड़े शहर से वंदेभारत का संचालन आवश्यक है। इस तरह की अनदेखी गलत है।
अधिकारियों के अनुसार अजमेर-चंडीगढ़ वंदेभारत की ऑक्यूपेंसी लगभग पूरी है, लेकिन उदयपुर-जयपुर में केवल 55 फीसदी, उदयपुर-आगरा में मात्र 40 फीसदी सीटें ही भर रही हैं। जोधपुर-साबरमती में भी कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि, उदयपुर-जयपुर ट्रेन को अहमदाबाद तक तथा जोधपुर-साबरमती को जयपुर तक बढ़ाया जाए। साथ ही जयपुर से इंदौर रूट पर नई ट्रेन चलाई जाए। इससे यात्रीभार बढ़ेगा और मांग भी पूरी होगी।
सूत्रों के अनुसार, जयपुर-इंदौर और जयपुर-जोधपुर रूट पर वंदेभारत ट्रेन चलाने की भारी मांग है। वंदेभारत ट्रेन शुरू होने से यात्रा का समय कई घंटे कम हो सकता है। बीकानेर-दिल्ली और श्रीगंगानगर-दिल्ली रूट के लिए भी यात्रियों ने कई बार वंदेभारत की मांग की, लेकिन प्रस्तावों तक ही सीमित रह गई। अधिकारियों ने इसकी वजह तकनीकी कारण भी बताई है।