सेंट्रल वॉर रूम ने सातों सीटों पर राष्ट्रीय मुद्दों की बजाय स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया हुआ है। जानें वो कौन-कौनसे मुद्दे है, जिनकों लेकर कांग्रेस चुनावी रण में उतरी है।
,जयपुर। राजस्थान में सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव के मद्देनजर कांग्रेस सेंट्रल वॉर रूम सक्रिय हो गया है। चुनाव प्रबंधन और रणनीति भी वॉर रूम से ही संचालित हो रही है। किस विधानसभा क्षेत्र में क्या कमी है, और उसे कैसे दुरुस्त किया जाए, इसके लिए वॉर रूम में तैनात नेता प्रतिदिन मंडल और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की वर्चुअल बैठकें लेकर दिशा-निर्देश दे रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय कार्यकर्ताओं से प्रतिदिन के कामकाज का फीडबैक भी लिया जा रहा है।
सातों सीटों के प्रत्याशियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठकें भी हो रही हैं। प्रत्याशी के सुबह से लेकर रात के प्रचार का रोडमैप भी यहीं से तैयार हो रहा है। सेंट्रल वॉर रूम में नेताओं और कार्यकर्ताओं की कई शिफ्ट में ड्यूटी लगाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी लगातार चुनाव को लेकर फीडबैक लेते रहे हैं। आलाकमान के निर्देश के बाद कांग्रेस नेता उपचुनाव में स्थानीय मुद्दों को भुनाने में जुटे हुए है।
सेंट्रल वॉर रूम ने सातों सीटों पर राष्ट्रीय मुद्दों की बजाय स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया हुआ है। तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि स्थानीय स्तर के मुद्दों को जनता के बीच लेकर जाएं। इनमें कांग्रेस सरकार की ओर से संचालित योजनाओं को बंद करने, बढ़ती बेरोजगारी, छात्रवृत्ति और सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिलने जैसे मुद्दों को जोर-शोर से जनता के बीच ले जाने को कहा गया है। साथ ही भाजपा सरकार के 10 माह के शासन में कोई नई योजना जनहित में शुरू नहीं करने जैसे मामलों को भी ले जाने के निर्देश दिए गए हैं। सेंट्रल वार्ड रूम में तैनात नेताओं की माने तो इन्हीं मुद्दों पर जनता काफी समर्थन कांग्रेस को मिल रहा है।
वहीं सेंट्रल वॉर रूम में तैनात नेता सातों सीटों पर नाराज कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। फीडबैक बैठकों के दौरान कॉर्डिनेशन कमेटियों और चुनाव प्रभारियों से मिल रहे फीडबैक के बाद नाराज नेताओं को मनाया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस ने सातों सीटों पर भी स्थानीय स्तर पर वॉर रूम भी बनाए हैं, जो सेंट्रल वॉ रूम रूम से कनेक्ट हैं और उसी के निर्देश पर ही कामकाज किया जा रहा है। सुबह से लेकर शाम तक स्थानीय वॉर रूम ने क्या काम किया। इसका फीडबैक रात को होने वाली नियमित बैठकों में लिया जा रहा है।