Rajasthan Cabinet Expansion Update : राजस्थान में विधायक लम्बे समय से कर रहे हैं मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल का इंतजार। विस्तार और फेरबदल होगा या नहीं, जानें नया अपडेट।
Rajasthan Cabinet Expansion Update : राजस्थान में भाजपा सरकार बने जल्द ही डेढ़ साल होने जा रहे हैं। अब तक एक बार भी मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल नहीं हुआ है। जानकारों का कहना है कि यदि इस माह भी किसी तरह का कोई राजनीतिक निर्णय नहीं हुआ तो फिर मंत्रिमंडल का मामला कुछ समय और टल सकता है। कुछ ही समय बाद बिहार चुनाव की सरगर्मियां तेज हो जाएंगी, ऐसे में पार्टी आलाकमान पूरी तरह से चुनावी मोड में आ जाएगा।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार 2023 में जहां-जहां भाजपा की सरकारें बनी है वहां मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल लम्बे समय से प्रस्तावित है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही किस नेता को सरकार में और किसको संगठन में एडजस्ट करना है… यह तय होगा। ऐसे में सब कुछ राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पर ही निर्भर बताया जा रहा है। पार्टी को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और एमपी में मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार करना है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान ने मंत्रियों की परफॉर्मेंस आंकने के लिए कुछ पैरामीटर्स तय किए हुए हैं। इन पैरामीटर्स पर आलाकमान निरंतर मंत्रियों पर निगाह रखे हुए हैं। जिस दिन भी मंत्रिमंडल फेरबदल तय होगा, उस दिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस के आधार पर उनका कद तय होगा। यदि किसी की परफॉर्मेंस बहुत ज्यादा खराब हुई तो मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है।
प्रदेश में मंत्रिमंडल में सबसे कम प्रतिनिधित्व इस समय शेखावाटी अंचल का है। सीकर, चूरू, झुंझुनूं से लेकर हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर तक सिर्फ एक सीकर से ही मंत्री है। लोकसभा चुनाव में भी इस क्षेत्र में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को सफलता मिली थी। ऐसे में इन जिलों की हिस्सेदारी सरकार में बढ़ाई जा सकती है।
नियमानुसार विधानसभा सदस्यों की संख्या का 15 प्रतिशत मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। प्रदेश में कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। भाजपा सरकार बनने के बाद सीएम, दो डिप्टी सीएम के अलावा 22 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। एक को चुनाव से पहले ही मंत्री बना दिया गया था। वे चुनाव हार गए, जिससे मंत्रिमंडल की एक सीट और रिक्त हो गई। वर्तमान में मंत्रियों की छह सीटें रिक्त चल रही है। कुछ माह बाद प्रदेश में निकाय चुनाव भी प्रस्तावित है। ऐसे में पार्टी नए मंत्री बनाकर जातिगत समीकरण भी सही करना चाहती है।