सड़क हादसों में मौतें बढ़ रहीं, लेकिन लापरवाह अफसरों और ठेकेदारों पर पुलिस की कलम खामोश है। हाइवे पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी से लगातार हादसे हो रहे हैं। फिर भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई।
जयपुर: राजस्थान में किसको मुकदमे में रखना है और किसे बचाना है, पुलिस से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की लगातार जान जा रही है। लेकिन लापरवाही बरतने वाले, खामियां छोड़ने वाले सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और सड़क इंजीनियरिंग से जुड़े ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस की कलम ही नहीं चलती।
इसके चलते लगातार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रदेश में ऐसे कई उदाहरण है, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों की जान गई या फिर कई घंटों तक लोग डरे सहमे दुबके रहे। इसके बावजूद पुलिस ने जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। बताते चलें, इस साल सड़क हादसों में 9500 से अधिक लोगों की मौत हुई है। फिर भी सड़क सुरक्षा और जवाबदेही को लेकर प्रशासन मौन है।
डीपीएस हादसा : कट खुला छोड़ने वालों पर कार्रवाई नहीं
कब- 20 दिसंबर, 2024
कहां- अजमेर रोड, डीपीएस कट पर
कैसे- गैस टैंकर के ट्रक से टकराने के बाद भीषण आग
भयावहता- 20 लोग जिंदा जले
पुलिस कार्रवाई- जिंदा जल गए चालक के खिलाफ मामला दर्ज। टैंकर चालक और एक बस मालिक के खिलाफ कार्रवाई।
इन्हें छोड़ा- एनएचएआई अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं
कब- 14 अक्टूबर, 2025
कहां- जोधपुर-जैसलमेर हाइवे
कैसे- चलती बस में आग लगी
भयावहता- 28 लोग जिंदा जले
पुलिस कार्रवाई- बस मालिक, चालक और बॉडी बनाने वाले कारखाना मालिक को गिरफ्तार
अभयदान- बस को मॉडीफाइड करने के बाद रजिस्ट्रेशन करने वाले अधिकारियों को
दूदू के पास हाइवे पर खड़े गैस सिलेंडर से भरे ट्रक को टैंकर ने पीछे से मारी टक्कर। 200 सिलेंडरों मे विस्फोट, चालक जिंदा चला। जिंदा जले टैंकर चालक के खिलाफ मामला दर्ज, मगर हाइवे निर्माण में कमियां रखने वाले अधिकारियों को छोड़ दिया।