पूर्व मंत्री Mahipal Maderna का जोधपुर में रविवार सुबह निधन हो गया। मदेरणा की पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव चाडी ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जयपुर। पूर्व मंत्री Mahipal Maderna का जोधपुर में रविवार सुबह निधन हो गया। मदेरणा की पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव चाडी ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 69 वर्षीय महिपाल मदेरणा कैंसर से पीड़ित थे। करीब महीने भर पहले ही राजस्थान उच्च न्यायालय से महिपाल मदेरण को जमानत मिली थी। वे पिछले काफी समय से मुंह के कैंसर से जूझ रहे थे और बाद में उन्हें कोरोना भी हो गया था। हालांकि कोरोना से वे काफी ठीक भी हो गए थे, लेकिन कैंसर व कोरोना का असर उन पर अभी तक बना हुआ था और वे नियमित रूप से कीमोथेरेपी लेने के साथ ही कोरोना से उबरने में भी लगे हुए थे।
इस बीच रविवार सुबह करीब 6:15 बजे उन्होंने अपने जोधपुर स्थित निवास पर अंतिम सांस ली। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार सुबह करीब 10:00 बजे उनके अंतिम यात्रा जोधपुर स्थित निवास से शुरू होकर पैतृक गांव चाडी के लिए जाएगी और वहां शाम करीब 4:00 बजे पिता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय परसराम मदेरणा की समाधि के पास ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दूसरी ओर मदेरणा के निधन की सूचना मिलने के साथ ही भोपालगढ़ व ओसियां के अलावा समूचे जोधपुर जिले सहित मारवाड़ भर में उनके समर्थकों में शोक की लहर सी दौड़ गई है और गांव-गांव से कार्यकर्ता जोधपुर स्थित उनके निवास पर जाने के लिए रवाना हो रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा का जन्म दिग्गज कांग्रेसी नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय परसराम मदेरणा के घर 5 मार्च 1952 को जोधपुर जिले के लक्ष्मण नगर चाडी गांव में हुआ था। उन्होंने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से बीए एलएलबी तक की पढ़ाई की। उनके पिता स्वर्गीय परसराम मदेरणा एवं बड़े भाई अशोक का पूर्व में निधन हो चुका है। उनकी पत्नी लीला मदेरणा वर्तमान में हाल के पंचायत चुनावों में जोधपुर की जिला प्रमुख बनी हैं और दो पुत्रियां दिव्या मदेरणा और रूपल मदेरणा हैं। जिनमें से दिव्या मदेरणा वर्तमान में इस परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में राजनीति संभालते हुए वर्तमान में जोधपुर जिले की ओसियां से विधायक हैं।
महिपाल मदेरणा करीब 18 साल से अधिक समय तक जोधपुर के जिला प्रमुख रहने के साथ ही वर्ष 2003 से 2008 तक भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र एवं 2008 से 2013 तक ओसियां से विधायक रहने के साथ ही तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार में जलदाय विभाग के कैबिनेट मंत्री भी रहे। इस दौरान Bhanwari Devi प्रकरण सामने आने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था।