राजस्थान में जनआधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज नहीं होने पर भी सरकारी अस्पताल गरीब मरीजों को इलाज से मना नहीं कर सकेंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने सवाई मानसिंह अस्पताल, गणगौरी अस्पताल और महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया।
जयपुर: गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है। अब जनआधार कार्ड या अन्य दस्तावेज नहीं होने पर भी सरकारी अस्पताल इलाज से इनकार नहीं कर सकेंगे।
राजस्थान पत्रिका में गुरुवार को प्रकाशित खबर ‘दस्तावेज नहीं तो सरकारी अस्पताल भी निजी’ के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने शुक्रवार रात सवाई मानसिंह अस्पताल, गणगौरी अस्पताल और महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य में अनेक सरकारी स्वास्थ्य योजनाएं चल रही हैं। ऐसे में दस्तावेज पूरे नहीं होने के कारण किसी भी गरीब मरीज को लौटाया जाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की पहली जिम्मेदारी मरीज को इलाज देना है, कागजी प्रक्रिया बाद में की जा सकती है।
राठौड़ ने आदेश जारी कर कहा कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले, असहाय, लावारिस, विमंदित, घायल एवं 65 साल से अधिक आयु के मरीजों का इलाज बिना दस्तावेज भी किया जाएगा। इन मरीजों को अस्पताल की मेडिकल रिलीफ सोसायटी के माध्यम से नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
इलाज में देरी या इनकार करने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जा सकती है। इस पहल से आर्थिक और दस्तावेजी कठिनाइयों के चलते इलाज से वंचित हो रहे हजारों मरीजों को राहत मिलेगी।