राजस्थान सरकार सौर ऊर्जा से रात में विद्युत सप्लाई की योजना बना रही है, इसके लिए 2 लाख 800 करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए हैं। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बुधवार को सदन में इसकी जानकारी दी।
जयपुर। राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा स्रोतों से दिन में उत्पन्न बिजली को संरक्षित कर रात में उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। उर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में 6 हजार मेगावाट क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना की जाएगी।
विधायक गोविन्द प्रसाद के प्रश्न पर मंत्री नागर ने कहा कि केंद्रीय उपक्रमों के साथ संयुक्त उद्यम के तहत 4,895 मेगावाट क्षमता की परंपरागत तथा 38,343 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं विकसित करने के लिए 2 लाख 800 करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत केन्द्र सरकार प्रति मेगावाट 27 लाख रुपए की सहायता देगी।
बजट में 1000 मेगावाट ऑवर की क्षमता के साथ बैटरी भंडारण प्रणाली स्थापना की घोषणा की गई थी। इसकी क्रियान्विति के क्रम में 500 मेगावाट व 1000 मेगावाट ऑवर के लिए केन्द्र सरकार की ओर से स्टेट कोम्पोनेन्ट के तहत वायबिलिटी गैप फंडिंग सहायता (27.00 लाख रुपए प्रति मेगावाट-घंटा) के साथ यह 500 मेगावाट व 1000 मेगावाट ऑवर की स्थापना के लिए उत्पादन निगम की ओर से कार्यादेश जारी कर दिए हैं।
इन परियोजनाओं की स्थापना दिसम्बर 2026 तक पूर्ण किया जाना अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2023 से जुलाई 2025 तक राज्य में स्थापित डिस्कॉम से अनुबंधित नवीन इकाइयों की विद्युत उत्पादन क्षमता 4457.98 मेगावाट एवं इनसे 6308.66 मिलियन यूनिट बिजली की खरीद की गई।