जयपुर

राजस्थान में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन व नवसृजन आसान नहीं, जनप्रतिनिधियों का दखल जारी, उठे विरोध के सुर

Rajasthan News : राजस्थान में पंचायत राज संस्थाओं के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन प्रक्रिया के बीच आम सहमति बनाना मुश्किल होती दिख रही है। जानें अब क्या होगा?

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फाइल फोटो

Rajasthan News : राजस्थान में पंचायत राज संस्थाओं के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन प्रक्रिया के बीच आम सहमति बनाना मुश्किल होती दिख रही है। एक ग्राम पंचायतों के गांवों को दूसरी ग्राम पंचायत में शामिल करने और नई ग्राम पंचायत के मुख्यालय को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पूर्व पंचायत राज मंत्री भरतसिंह ने तो अपने गांव कुंदनपुर को तोड़कर अन्य ग्राम पंचायत में मिलाने के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराई है। अकेले कोटा जिले में 155 ग्राम पंचायतें और 15 से 20 नई ग्राम पंचायतों के सृजन के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। आरोप है कि कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधियों वाली ग्राम पंचायतों में नए गांव शामिल किए जा रहे हैं, वहीं कुछ गांवों को हटाया जा रहा है।

नगर पालिका में शामिल करने का विरोध

बूंदी जिले के खानपुरा एवं टोपा गांव को नैनवा नगर पालिका में शामिल करने का विरोध हो रहा है। दोनों गांव के लोग 53 दिन से धरने पर बैठे हैं।

जोधपुर : 100 नई ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव तैयार हो रहे

जोधपुर जिले में करीब 100 नई ग्राम पंचायतों और 5 नई पंचायत समिति बनाने के प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। शेरगढ़ और ओसियां विधानसभा क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों में बड़े स्तर पर ग्राम पंचायतों को तोड़कर नई पंचायतें बनाने की प्रक्रिया चल रही है। विवाद भी सामने आ रहे हैं। नए राजस्व गांवों को ग्राम पंचायतों में तब्दील किया जा रहा है। इनमें विधायक दखल कर रहे हैं।

जयपुर जिले में आ रही आपत्तियां

जयपुर जिले में प्रस्तावित सोरठां का बास ग्राम पंचायत में सोरठां का बास, नयाबास, धोलिया की ढाणी, बासड़ा व गोपालपुरा को जोड़ने पर सोरठा का बास को छोड़कर अन्य गांवों के लोगों ने आपत्ति जताई है। ग्राम पंचायत आकोदा के रामसागर पालवास गांव को नई पंचायत बनाने के प्रस्ताव के साथ इसमें महेशवास व सैनीपुरा ग्राम को जोड़ने पर यहां के लोगों ने एसडीएम को आपत्ति दर्ज कराई है। ग्राम पंचायत गाड़ोता के ग्राम नासनोदा मे कापड़ियावास कला ग्राम को शामिल करने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।

नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि निकायों का परिसीमन नियमानुसार हुआ है।

परिसीमन नियमानुसार, आपत्ति दर्ज करा सकते हैं : खर्रा

नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि निकायों का परिसीमन नियमानुसार हुआ है, अगर किसी को आपत्ति है तो वह आपत्ति दर्ज करा सकता है। आपत्ति दर्ज करने का अधिकार सिर्फ कांग्रेस के पास ही नहीं बल्कि उस क्षेत्र में रहने वाले हर नागरिक के पास है। खर्रा ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि किसी को कोई आपत्ति है तो बताएं, उसका उचित समाधान किया जाएगा। अगर कांग्रेस कोर्ट में जाना चाहती है तो वह जा सकती है। नवम्बर में एक साथ निकाय चुनाव करवाए जाएंगे। सितम्बर तक मतदाता सूची का काम पूरा कर देंगे।

Published on:
03 Apr 2025 10:19 am
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