शिक्षा की नगरी कोटा अब अवैध हथियारों की भी पाठशाला बनती जा रही है। इसके साथ ही आदिवासी जिलों में भी अवैध हथियारों का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है।
...मुकेश शर्मा
जयपुर: राजस्थान में अवैध हथियारों की तस्करी एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। शिक्षा के लिए मशहूर कोटा अब हथियार तस्करी के नए अड्डे के रूप में उभर रहा है।
पुलिस के अनुसार, मई 2025 तक 18 पुलिस जिलों में अवैध हथियारों की गतिविधियों में तेज़ी आई है। वहीं, अन्य जिलों में या तो कार्रवाई कम हुई या तस्करों ने अपनी गतिविधियां स्थानांतरित कर दीं।
जयपुर कमिश्नरेट के पश्चिम जिले में भी पुलिस ने हथियार तस्करों के खिलाफ कई ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। गैंगस्टर और ड्रग तस्करों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
सीकर, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़ और झालावाड़ जैसे जिलों में न केवल हथियारों की तस्करी बढ़ी है। बल्कि नशा तस्करी और अवैध हथियारों के साथ गैंगवार की घटनाएं भी सामने आई हैं। गंभीर स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में अब गैंगस्टरों के पास से एके-47 जैसे घातक हथियार मिलना आम बात हो गई है।
आंकड़ों की बात करें तो राज्य में मई 2025 तक आर्म्स एक्ट के तहत 3180 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में कुल 2503 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 168 बंदूकें, 750 रिवॉल्वर, पिस्टल और देशी कट्टे, 2805 कारतूस और 2315 धारदार हथियार जब्त किए हैं।
सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है कि अगर समय रहते इस बढ़ती तस्करी पर सख्त नियंत्रण नहीं लगाया गया, तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।