Rajasthan Infrastructure : राजस्थान सरकार ने योजनाओं के जरिए विकास का व्यापक खाका तो खींचा है, लेकिन कई अहम परियोजनाओं की गति सुस्त है या फिर अधर में हैं।
Rajasthan Infrastructure : राजस्थान सरकार ने योजनाओं के जरिए विकास का व्यापक खाका तो खींचा है, लेकिन कई अहम परियोजनाओं की गति सुस्त है या फिर अधर में हैं। सेवाओं को ऑनलाइन कर राहत दी है, लेकिन शहरी विकास का फोकस अब भी सड़क-केंद्रित ही रहा।
सड़क विस्तार, फ्लाइओवर, आरओबी और एलीवेटेड रोड बनाए गए, लेकिन पैदल यात्रियों और साइकिल सवारों के लिए सुविधाएं उपेक्षित रहीं। शहर फैलते गए और सार्वजनिक परिवहन का दायरा सिमटता गया, नतीजतन सड़कों पर वाहनों का दबाव गंभीर समस्या बन गया।
1- आर्थिक संकट से जूझ रहे नगरीय निकाय।
2- कचरा उठाने से लेकर स्वच्छता प्रबंधन तक चुनौती जारी।
3- प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में प्रगति धीमी।
4- सैटेलाइट टाउन का कॉन्सेप्ट कागजों से बाहर नहीं आया।
5- शहरी विकास का बड़ा हिस्सा विश्व बैंक और एशियन डवलपमेंट बैंक से मिलने वाले करीब 18 हजार करोड़ रुपए के ऋण पर निर्भर।
6- मल्टीस्टोरी इमारतें: बिना जोन निर्धारण सेवाओं पर बढ़ता दबाव।
गुजरात : तेज इंफ्रा विकास मॉडल।
महाराष्ट्र : संतुलित शहरी मॉडल।
तमिलनाडु : नीति-आधारित स्थायी विकास।
कर्नाटक : टेक-ड्रिवन और नवाचार मॉडल।
राज्य सरकार ने 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की है। चार पर काम शुरू हो चुका है। यदि 2750 किमी के इन एक्सप्रेस-वे पर जल्द काम शुरू हो जाता है, तो विकास को नई गति मिलेगी। सरकार दो साल में 39 हजार किमी सड़कें बना चुकी है, लेकिन 337 टोल प्लाजा जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा रहे हैं।
राज्य सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों के बारे में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि अगले तीन साल शहरी विकास के लिए निर्णायक होंगे। उन्होंने कहा कि शहरी विकास को निर्माण से आगे बढ़ाकर सिस्टम सुधार पर फोकस किया जाएगा।
मेट्रो फेज-2 को जेवी मॉडल पर आगे बढ़ाया गया और ऑनलाइन सेवाएं मजबूत की गई है। ट्रैफिक दबाव से निपटने के लिए रिंग रोड, मजबूत बस सिस्टम और मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। वॉकवे और साइकिल ट्रैक को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अर्बन लिवेबिलिटी मॉडल-हरित क्षेत्र, डिजिटल सेवाएं और बेहतर कनेक्टिविटी से राज्य अन्य प्रदेशों से अलग होगा।