जयपुर

आपा खो रहे राजस्थान के ये नेताजी, बेलगाम बोल से “सियासी पारे” में आया उछाल

controversial statements: इन बयानों ने उपचुनावों में राजनीति का माहौल और अधिक गरमा दिया है।

2 min read
Nov 08, 2024

जयपुर। राजस्थान विधानसभा उपचुनावों के बीच, राजनीतिक मंचों पर विवादित बयानों की बौछार जारी है। नेताओं के तीखे और आक्रामक बयानों ने सियासी माहौल को गरम कर दिया है। इन बयानों के चलते जहां आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो गई है, वहीं आम जनता के बीच भी हलचल मची हुई है।

ये बयानबाजी सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा राजनीतिक खेल भी नजर आ रहा है। राजस्थान की राजनीति में गरमाते चुनावी माहौल के बीच ये बयान कितने जायज हैं और ये राजनीतिक बहस को किस दिशा में ले जा रहे हैं, इसे समझना जरूरी हो गया है।

विवादित बयान और सियासी बवाल

कांग्रेस नेता रघु शर्मा ने एक बयान में कहा कि "13 नवंबर के बाद कत्लेआम होगा।" इस तरह की भड़काऊ भाषा ने लोगों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। वहीं, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपने बयान में "पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे" लगाए जाने का मुद्दा उठाया, जो राजनैतिक गलियारों में काफी हंगामा मचाने वाला साबित हुआ।

इसके अलावा, कांग्रेस नेता हरीश मीणा ने विरोधियों को लेकर कहा कि "ये उठाई गिरे, भाड़े के लोग हैं।" यह टिप्पणी न केवल तीखी है, बल्कि इससे विरोधियों को निशाना बनाने का प्रयास भी झलकता है। वहीं आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने अपने बयान में कहा, "कुएं में डूबकर मर जाना," जो सीधे-सीधे विरोधियों पर आक्रामक हमला था।

राजनीतिक परिणाम और जनता का रुख

इन बयानों ने उपचुनावों में राजनीति का माहौल और अधिक गरमा दिया है। एक तरफ विरोधी इन बयानों को मुद्दा बनाकर कांग्रेस और आरएलपी पर निशाना साध रहे हैं, वहीं समर्थक इसे राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं। जनता के बीच इन विवादित बयानों के क्या असर होंगे और चुनावी नतीजों में इसका कितना प्रभाव दिखेगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

Also Read
View All

अगली खबर