राजस्थान में कैब का किराया अब सरकार तय करेगी। इन कंपनियों को अब ऑफिस भी खोलना पड़ेगा। राजस्थान परिवहन विभाग ने नई एग्रीगेटर पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें कंपनियों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी की गई है।
जयपुर। राजस्थान में कैब कंपनियों पर नकेल कसने के लिए परिवहन विभाग ने राजस्थान मोटर व्हीकल एग्रीगेटर रूल्स 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है। इसके तहत कंपनियों को वाहनों का संचालन करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा और उन्हें अपना ऑफिस खोलना पड़ेगा।
अगर कंपनियां नियमों का पालन नहीं करतीं हैं, तो उनका लाइसेंस तीन माह तक निलंबित किया जा सकता है। तीन बार निलंबन या गंभीर अपराध की स्थिति में लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा, राइड कैंसिल करने पर चालक या यात्री से अधिकतम 10 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा।
ड्राइवर को निर्धारित भाड़े का कम से कम 80 प्रतिशत मिलेगा और यात्री अपनी लाइव लोकेशन भी साझा कर सकेंगे। महिला यात्रियों को महिला ड्राइवर का चयन करने का विकल्प मिलेगा।
लाइसेंस के लिए आवेदन शुल्क 10,000 रुपए और सुरक्षा जमा राशि 10 से 50 लाख रुपए तक होगी। कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। साथ ही, ड्राइवरों के लिए 40 घंटे का इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम अनिवार्य होगा। इसके तहत 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम और एक पोर्टल भी स्थापित किया जाएगा।