जयपुर

Rajasthan: झाडू की सींक और जली अगरबत्ती से DNA सैंपलिंग, आखिर रेप पीड़िताओं को कैसे मिलेगा न्याय?

राजस्थान में मासूमों के माथ दरिंदगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन उससे भी भयावह है पुलिस और मेडिकल जूरिस्ट की लापरवाही। जिन सबूतों से आरोपी किसी भी कीमत पर सजा से नहीं बच सकते, वही सबूत गलत तरीके से लिए जाने के कारण नष्ट हो रहे हैं।

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Dec 05, 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर, मेटा एआइ

जयपुर। राजस्थान में मासूमों के माथ दरिंदगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन उससे भी भयावह है पुलिस और मेडिकल जूरिस्ट की लापरवाही। जिन सबूतों से आरोपी किसी भी कीमत पर सजा से नहीं बच सकते, वही सबूत गलत तरीके से लिए जाने के कारण नष्ट हो रहे हैं। एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

कई मामलों में पीड़िताओं के प्राइवेट पार्ट से लिए गए स्वाब सैंपल झाडू की सींक या जली हुई अगरबत्ती पर लिफ्ट कॉटन से लिए गए पाए, इससे न केवल सबूत नष्ट हुए बल्कि बच्चियों के संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया। एफएसएल ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए पुलिस और मेडिकल अधिकारियों को पत्र लिखकर सैंपल लेने की प्रक्रिया सुधारने और प्रशिक्षण देने की सलाह दी है, ताकि डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों को सजा दिलाई जा सके।

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पॉलीथिन में भेजते अंत वस्त्र… सीमन होता नष्ट

पड़‌ताल में सामने आया कि कुछ मामलों में पुलिस अंत वस्त्र पॉलीथीन में बंद कर भेज देती है, जिससे सीमन नष्ट हो जाता है, इन्हें कपड़े में भेजना जरूरी है। कांवटिया और एसएमएस अस्पताल के कुछ मेडिकल ज्यूरिस्टों ने स्वाब सैंपल स्टरलाइज्ड इयर बड की जगह झाडू की सींक या जली अगरबत्ती के कॉटन से लिए, जिससे सबूत नष्ट होते के साथ संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।

पालीः जो अंतः वस्त्र भेजने थे, भेजे ही नहीं

केस 1: वर्ष 2019 में पाली के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने पीड़िता के अंत: वस्त्र लिए, लेकिन डीएनए जांच के लिए जिन कपड़ों पर सीमन मौजूद था उनकी जगह ऐसे कपड़े एफएसएल भेज दिए जिन पर सीमन था ही नहीं। एफएसपल ने सैंपल बिना जांच लौटाए।

भरतपुरः लकड़ी की चम्मच पर स्वाब का सैंपल भेज दिया

केस 2: 2017 में भरतपुर के सेवर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग बालिका से रेप का मामला सामने आया था। वर्ष जूरिस्ट ने पीड़िता के स्वाब सैंपल लिए, जिन्हें ग्लास स्लाइड पर भेजा जाना था। लेकिन उन्होंने स्वाब का सैंपल लकड़ी की चम्मच पर लेकर एफएसएल को भेज दिया। लकड़ी की चम्मच पर सैंपल नष्ट हो जाता है। इसलिए जांच नहीं की जा सकी।

सैंपल लेने में कोताही, जांच करना असंभव

कई मामलों में एफएसल की डीएनए रिपोर्ट के आधार पर ही आरोपियों को सजा मिली है। लेकिन स्वाब सैंपल लेने में गभीर लापरवाही से सबूत नष्ट हो जाते हैं और जांच असंभव हो जाती है। हमने पहले भी प्रशिक्षण दिया है। डॉ. राजेश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, एफएसएल

प्रदेश में रेप के मामलों की स्थिति

वर्षघटनाएंनाबालिग
20225,2321,462
20235,0161,558
20244,8711,610
2025 (अक्टूबर तक)4,4001,467

पत्रिका व्यू: कठोर दंड दें…

मासूमों के साथ दरिंदगी के मामलों में सबूतों से खिलवाड़ किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि न्याय प्रक्रिया के साथ गंभीर अपराध है। जिन पुलिसकर्मियों और मेडिकल अधिकारियों ने ऐसी घोर चूक की है, उन्हें चिह्नित कर कठोर दंड दिया जाना चाहिए। साथ ही, जिन मामलों में सबूतों की गलत हैंडलिंग के कारण आरोपी संदेह का लाभ लेकर बच निकले हैं, उन केसों की पुनः समीक्षा होनी चाहिए।

Updated on:
05 Dec 2025 10:50 am
Published on:
05 Dec 2025 08:43 am
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