राजस्थान के नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास को राजस्थान राज्य माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं मुख्य आवासीय आयुक्त का अतिरिक्त चार्ज भी दिया गया है।
जयपुर। राज्य सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा 1989 बैच के अधिकारी वी. श्रीनिवास को रविवार सुबह मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया। वे सोमवार को मुख्य सचिव का पदभार संभालेंगे और सितंबर 2026 तक इस पद पर रहेंगे। उन्हें राजस्थान राज्य माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (RSMML) के अध्यक्ष एवं मुख्य आवासीय आयुक्त का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
अब तक वे केंद्रीय प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत, पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग के सचिव थे। श्रीनिवास के नए मुख्य सचिव का पदभार संभालने के बाद अब प्रदेश में जल्द प्रशासनिक फेरबदल की भी संभावना है। उधर, निवर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत अब केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय में विशेषाधिकारी का पद संभालेंगे।
कार्मिक विभाग ने रविवार को श्रीनिवास की मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति का आदेश जारी किया। केंद्र सरकार की नियुक्ति संबंधी कैबिनेट कमेटी ने 14 नवंबर को उनकी सेवाएं प्रतिनियुक्ति से मूल कैडर में लौटाने की अनुमति दी। उन्हें रविवार को केंद्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग की ओर से विदाई दी गई।
वी. श्रीनिवास आइएएस अधिकारियों की वरिष्ठता में सुबोध अग्रवाल के बाद दूसरे नंबर पर हैं। 1988 बैच के आइएएस अग्रवाल दिसंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। श्रीनिवास के बाद 1989 बैच की ही अधिकारी शुभ्रा सिंह हैं, जो अभी रोडवेज चेयरमैन हैं और सचिवालय से बाहर हैं। सुधांश पंत से वरिष्ठ होने के कारण अब तक वे सचिवालय से बाहर थीं, लेकिन श्रीनिवास के पदभार संभालने के बाद उनका भी सचिवालय में वापसी का रास्ता खुल जाएगा।
वी. श्रीनिवास पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव की दोहिती के पति हैं। वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन विदेश मंत्री और वित्त मंत्री जसवंत सिंह के निजी सचिव थे। इसके बाद वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के भारत स्थित कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक रहे।
श्रीनिवास 1989 में आइएएस बने और 1991 में भीलवाड़ा एसडीओ पद से करियर की शुरुआत हुई। इसके बाद निंबाहेड़ा एसडीओ रहे। इसके बाद 1995 से 1998 तक जलग्रहण विकास एवं मृदा संरक्षण निदेशक रहे। 30 दिसंबर 1997 को पाली और 20 मार्च 1999 को जोधपुर कलक्टर बने। इसके बाद करीब 8 माह राज्य में वित्त विभाग में उपसचिव रहे।
वी. श्रीनिवास 34 साल की सेवा में 17 साल केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहे। इसमें से 14 साल केंद्रीय मंत्रालय में और 3 साल आइएमएफ में रहे। वे पहली बार वर्ष 2000 में पेट्रोलियम मंत्रालय में उपसचिव पद पर प्रतिनियुक्ति पर गए और उसके बाद 6 फरवरी 2001 से 6 सितंबर 2003 तक तत्कालीन विदेश मंत्री और वित्त मंत्री के निजी सचिव रहे। 2 सितंबर 2003 से 6 अक्टूबर 2006 तक आइएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक रहे।