Rajasthan News: राज्य में सरकार किसी भी दल की हो, नौकरशाह वही रहते हैं। सरकार बदलने पर तबादले जरूर बड़े स्तर पर होते हैं। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद तमाम बड़े विभागों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय लगाए अधिकारी ही लगे हैं।
Rajasthan Bureaucracy News: जयपुर। राज्य में सरकार किसी भी दल की हो, नौकरशाह वही रहते हैं। सरकार बदलने पर तबादले जरूर बड़े स्तर पर होते हैं। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद तमाम बड़े विभागों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय लगाए अधिकारी ही लगे हैं। लेकिन यह अधिकारी पिछली सरकारों की परपराओं को देखते हुए तबादले के इंतजार में विभागों में मन लगाकर काम भी नहीं कर पा रहे हैं।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक उच्चाधिकारी बड़े फैसले यह कहते हुए नहीं ले रहे कि कभी भी तबादला हो सकता है। इस सोच की वजह से विभागों में काम प्रभावित हो रहा है। राज्य की नई सरकार को आठ माह से ज्यादा समय हो चुका है। विधानसभा में भी विपक्ष तंज कस चुका है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कामों में खोट निकाल रहे हैं, लेकिन बजट बनाने से लेकर कई अधिकारी अब भी पिछली सरकार के समय से काम संभाल रहे हैं। उन्हें बदल तक नहीं सके, फिर किस बात की कमी निकाल रहे हैं। इन अधिकारियों में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस हैं। इन अधिकारियों की तबादला सूची की चर्चा भी विधानसभा के बजट सत्र से पहले से चल रही है।
इस मामले पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि 'हमारी सरकार के दौरान भाजपा ने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर तमाम आरोप लगाए थे। हमारी सरकार द्वारा विभिन्न पदों पर IAS, IPS, IFS, RAS, RPS की नियुक्तियों पर भाजपा के साथी अनर्गल टिप्पणियां करते थे। आज सरकार के करीब 8 महीने हो जाने के बाद भी सरकार चलाने वाले प्रमुख पदों पर हमारी सरकार के समय लगाए गए अधिकारी ही काबिज हैं। यह दिखाता है कि हमारी सरकार द्वारा की गईं नियुक्तियां पूरी तरह उचित थीं एवं भाजपा के आरोप पूरी तरह गलत साबित हुए हैं। तबादला सूची के इंतजार में अब अधिकारियों के बीच भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है जिसके कारण जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि निकट भविष्य में कोई तबादला सूची नहीं आएगी जिससे अधिकारी अनिश्चिचतता की स्थिति को छोड़कर काम कर सकें'।
राज्य में करीब 40 आईएएस, 55 आईपीएस और 25 आईएफएस तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों में अतिरिक्त मुय सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव के अलावा 5 संभागीय आयुक्त, 3 कलक्टर, 5 पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक शामिल हैं। इनमें कई अधिकारी तो साल 2020 से ही लगे हैं। खास बात यह है कि तबादलों को लेकर सत्ताधारी पार्टी के नेता भी लगातार मांग उठा रहे हैं, तो विधायक भी पीछे नहीं हैं।