Rajasthan Politics : कांग्रेस दस साल बाद लोकसभा चुनाव में मजबूत वापसी करने में कामयाब रही, लेकिन राजस्थान के नेताओं के बीच अंदरूनी कलह अब तक खत्म नहीं हुई है।
Rajasthan Politics : कांग्रेस दस साल बाद लोकसभा चुनाव में मजबूत वापसी करने में कामयाब रही, लेकिन राजस्थान के नेताओं के बीच अंदरूनी कलह अब तक खत्म नहीं हुई है। सचिन पायलट ने गुरुवार को एक बार फिर अशोक गहलोत के पुत्र की चुनावी हार को लेकर चुटकी ली है। टोंक प्रवास के दौरान पत्रकारों ने पायलट से पूछा कि वैभव गहलोत सीट बदलकर भी चुनाव नहीं जीत पाए, आप क्या कहेंगे।
जवाब में पायलट बोले कि कई जगह हम नहीं जीत पाए और मेहनत करेंगे। वैभव पिछली बार भी नहीं जीत पाए थे, इस बार भी जीत हासिल नहीं कर सके। अगली बार और मेहनत करेंगे, कहीं और से जीतकर आएंगे। दरअसल पिछली बार वैभव ने जोधपुर से चुनाव लड़ा था। जोधपुर से हार के बाद इस बार सीट बदलकर उन्हें जालोर से उतारा गया था। अब पायलट ने अगले चुनाव में फिर सीट बदलने का संकेत देते हुए चुटकी ली।
उल्लेखनीय है कि वैभव के चुनाव प्रचार से भी पायलट को दूर रखा गया था। चुनाव के बीच जब पायलट से पूछा गया था कि आप वैभव के प्रचार में क्यों नहीं गए तो उन्होंने कहा था कि जो मुझे बुला रहा है और पार्टी जहां भेज रही है, वहीं प्रचार के लिए जा रहा हूं। गहलोत ने चुनाव के बाद पायलट के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि प्रियंका गांधी आईं थीं, सचिन आते तो सब वेलकम करते। चुनाव में कोई बुलाता है, कोई नहीं बुलाता है। सब अपने समीकरण देखते हैं। इसमें बुरा मानने की क्या बात है। चुनाव के बीच ऐसे बयान पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं।
पायलट ने विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि 30 साल से सिलसिला चला आ रहा था कि हम सरकार बनाते हैं और दूसरी बार हार जाते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में गहन चिंतन किया और काफी सीटें जीते। पूर्वी राजस्थान, शेखावाटी में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा। युवाओं को ज्यादा मौका देने से फायदा मिला। किरोड़ी मीणा के इस्तीफे की चर्चा के सवाल को पायलट टाल गए।