जयपुर

Rajasthan Pre- Monsoon : जयपुर में 6 जगहों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू लेकिन काम के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं

प्री-मानसून की बारिश के साथ ही शहर में 6 जगहों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू कर दिए गए हैं। हालांकि इन केन्द्रों पर अभी पर्याप्त संसाधन नहीं है।

2 min read
Jun 22, 2024

जयपुर. प्री-मानसून की बारिश के साथ ही शहर में 6 जगहों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू कर दिए गए हैं। हालांकि इन केन्द्रों पर अभी पर्याप्त संसाधन नहीं है। दो जगहों को छोड़कर कहीं भी मिट्टी के कट्टों को पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं है। जेसीबी एक भी जगह नहीं है। मिट्टी के कट्टे भी गिने-चुने ही है, जबकि हर बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर 20 हजार मिट्टी के कट्टों का स्टॉक होना जरूरी है।

जयपुर ग्रेटर नगर निगम और हैरिटेज नगर निगम ने तीन-तीन बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाए हैं। ग्रेटर निगम ने विश्वकर्मा, मालवीय नगर व मानसरोवर फायर स्टेशनों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू किया है, वहीं हैरिटेज निगम ने आमेर व घाटगेट फायर स्टेशन के अलावा सिविल लाइंस जोन कार्यालय पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया है। ये बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। इन बाढ़ नियंत्रण कक्षों में से एक-दो जगहों को छोड़कर कहीं भी श्रमिकों के ठहरने की व्यवस्था नहीं है। वहीं सब्बल, गेंती, परात,रैन कोट, छाता व बांस आदि भी नहीं है।

निगम की अनदेखी

शहरके सभी बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर 1.20 लाख मिट्टी के कट्टों का स्टॉक हमेशा रहना जरूरी है, लेकिन निगम अफसरों की अनदेखी के चलते अभी तक इन केन्द्रों पर 20 हजार मिट्टी के कट्टे भी नहीं है, जबकि 20 हजार मिट्टी के कट्टे तो एक ही केन्द्र पर भरे होना जरूरी है।

जोन उपायुक्तों को सौंपी ये जिम्मेदारी

5 सेमी से अधिक बारिश होने पर जोन उपायुक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सपर्क में रहेंगे।

बारिश के दौरान आम रास्ते, नाले, नालियों में किसी भी प्रकार की गंदगी या अवरोधक नहीं हो। पानी निकासी सुगमता से हो सके।

तेज बारिश के दौरान जल भराव के क्षेत्र चिन्हित कर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी करना। साथ ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जिमेदारी।

पुलियाओं के नीचे पानी भराव होने पर उसकी निकासी की व्यवस्था करना।

वैकल्पिक व्यवस्था के लिए निचले इलाकों के लोगों के लिए सार्वजनिक स्थान, कॉलेज, स्कूल, धर्मशाला आदि में व्यवस्था करना।

बाढ़ व तेज बहाव से सडक़ पर कटाव होने, मिट्टी जमा होने या गड्ढ़े होने पर तत्काल मरमत व सफाई करवाना।

Also Read
View All

अगली खबर