Private Bus Strike: लगेज कैरियर पर कार्रवाई के विरोध में राजस्थान में निजी बस संचालक 31 दिसंबर को एक दिन की हड़ताल करेंगे। स्लीपर, स्टेज और कॉन्ट्रैक्ट कैरिज समेत करीब 30 हजार बसें बंद रहेंगी। बस ऑपरेटर्स ने चेताया कि कार्रवाई नहीं रुकी तो जनवरी में बड़ा आंदोलन होगा।
Rajasthan Private Bus Strike: जयपुर: राजस्थान में निजी बस संचालकों ने परिवहन विभाग की कार्रवाई के विरोध में 31 दिसंबर को एक दिवसीय हड़ताल का एलान किया है। यह हड़ताल यात्री बसों में लगाए गए लगेज कैरियर को हटाने और उस पर चालान की कार्रवाई के खिलाफ की जा रही है।
बता दें कि हड़ताल के चलते स्लीपर, स्टेज कैरिज और कॉन्ट्रैक्ट कैरिज सहित सभी श्रेणियों की करीब 30 हजार निजी बसों का संचालन ठप रहेगा। बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि सरकार और परिवहन विभाग का ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित करने के लिए यह हड़ताल की जा रही है।
सत्यनारायण साहू ने कहा कि 31 दिसंबर को एक दिन की हड़ताल के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। बस संचालकों का कहना है कि अचानक की जा रही सख्त कार्रवाई से उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। साथ ही साथ यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं, ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन ने भी परिवहन विभाग के फैसले के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने लगेज कैरियर को लेकर चालान की कार्रवाई नहीं रोकी तो जनवरी के पहले सप्ताह में परिवहन विभाग कार्यालय के बाहर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
दिलीप सिंह मेहरोली ने कहा, राजस्थान में टैक्सी और अन्य यात्री वाहनों का संचालन करने वालों के साथ-साथ आम जनता के बीच भी डर का माहौल बन गया है। उन्होंने बताया कि इस बार परिवहन सेवाओं से जुड़े सभी संगठन एकजुट होकर सरकार और परिवहन विभाग के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
उधर, राज्य परिवहन विभाग ने सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों और जिला परिवहन अधिकारियों को 31 दिसंबर तक स्टेज कैरिज बसों से लगेज कैरियर हटाने के निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है, बसों में अधिक सामान लादने से ओवरलोडिंग होती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
परिवहन आयुक्त पुरुषोत्तम शर्मा ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार के यात्री वाहन में लगेज कैरियर की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिहाज से यह कदम बेहद जरूरी है और निजी व सरकारी दोनों तरह की बसों पर समान रूप से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।