सिरोही में 10 मार्च 2019 से 15 जनवरी 2024 तक डॉ. राजेश कुमार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। इस अवधि में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायतें सामने आई थीं।
जयपुर: सिरोही में साल 2019 से जनवरी 2024 के बीच दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने में हुई अनियमितताओं के मामले की जांच अब एसओजी करेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एसओजी को प्रकरण दर्ज कर जांच करने के लिए पत्र लिखा है।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने प्रकरण में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. राजेश कुमार के कार्यकाल में कुल 7,613 दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिनमें से 5,177 प्रमाण पत्र माइग्रेटेड आवेदनों के आधार पर बनाए गए।
बता दें कि ये प्रमाण पत्र केवल एक विशेषज्ञ चिकित्सक की ओर से जारी किए गए हैं, जो संदेहास्पद और कूटरचित पाए गए हैं। इसके अलावा, सभी प्रमाण पत्रों पर तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार के हस्ताक्षर नहीं हैं। बल्कि डॉ. सुशील परमार के हस्ताक्षर पाए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक, एसओजी को प्रकरण भिजवाकर आगे की कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
सिरोही में 10 मार्च 2019 से 15 जनवरी 2024 तक डॉ. राजेश कुमार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के पद पर कार्यरत थे। इस अवधि में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायतें सामने आई थीं। मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई थी।