Rajasthan Industrial Policy: राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत हुए 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौतों में से 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक पर कार्य शुरू हो चुका है। एक वर्ष में 20 प्रतिशत से अधिक समझौतों का धरातल पर उतरना निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
Ease of Doing Business Rajasthan: जयपुर. निवेश को बढ़ावा देने और उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में राजस्थान ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्य ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। केंद्र द्वारा चिन्हित सभी 23 प्राथमिक क्षेत्रों में राजस्थान का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है।
राज्य सरकार ने कागजी प्रक्रियाओं को समाप्त कर अधिकतर अनुमतियों को ऑनलाइन किया है। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और निवेश संवर्धन ब्यूरो के अनुसार कानूनों और नियमों में व्यापक संशोधन कर निवेश को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया गया है। इससे राज्य एक मजबूत निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत हुए 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौतों में से 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक पर कार्य शुरू हो चुका है। एक वर्ष में 20 प्रतिशत से अधिक समझौतों का धरातल पर उतरना निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
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केंद्र सरकार द्वारा तय सभी 23 प्राथमिक सुधार क्षेत्रों में राजस्थान ने प्रभावी क्रियान्वयन किया है। इससे राज्य की रैंकिंग में सुधार हुआ और निवेशकों को स्पष्ट संदेश मिला कि राजस्थान नीति, प्रक्रिया और भरोसे के स्तर पर मजबूत राज्य है।
निवेश से जुड़ी अधिकांश प्रक्रियाओं को डिजिटल किया गया है। लाइसेंस, अनुमतियां और आवेदन अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे समय और लागत दोनों की बचत हुई है। इससे पारदर्शिता बढ़ी और भ्रष्टाचार की संभावना घटी है।
शहरी क्षेत्रों में एमएसएमई के लिए भूमि रूपांतरण की ऑटो स्वीकृति अवधि 60 दिन से घटाकर 30 कार्यदिवस कर दी गई है। इससे छोटे उद्योगों को तेज़ी से शुरुआत करने में मदद मिलेगी।
व्हाइट कैटेगरी उद्योगों की संख्या 104 से बढ़ाकर 877 कर दी गई है। ऐसे उद्योगों को प्रदूषण संबंधी अनुमतियों से बड़ी छूट मिलेगी, जिससे निवेश अनुमोदन और उत्पादन प्रक्रिया में तेजी आएगी।
एमएसएमई के लिए कंसेंट टू एस्टेब्लिश और कंसेंट टू ऑपरेट की अवधि 120 दिन से घटाकर 21 दिन कर दी गई है। बड़े उद्योगों के लिए यह अवधि 60 दिन तय की गई है।
कार्य समय को 9 से बढ़ाकर 10 घंटे किया गया है, लेकिन 6 घंटे बाद 30 मिनट विश्राम अनिवार्य रखा गया है। तिमाही ओवरटाइम सीमा 144 घंटे तय कर श्रमिक हितों का ध्यान रखा गया है।
राजस्थान फैक्ट्री रूल्स में संशोधन कर महिलाओं को जोखिमपूर्ण कार्यों में अनुमति दी गई है, सिवाय गर्भवती महिलाओं और माताओं के। इससे रोजगार के अवसरों में विस्तार होगा।
फायर एनओसी के लिए एम्पैनल्ड एजेंसियों के माध्यम से थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन लागू किया गया है। इससे सुरक्षा मानकों के साथ-साथ अनुमतियों की प्रक्रिया भी तेज हुई है।
कम चौड़ाई वाली सड़कों वाले ग्रामीण क्षेत्रों में भी उद्योग लगाने की अनुमति दी गई है। बिना लेआउट वाले क्षेत्रों में 4.5 मीटर सड़क चौड़ाई तय कर नियमों को व्यावहारिक बनाया गया है।
छोटे अपराधों को अपराधमुक्त कर आर्थिक दंड लागू किया गया है। साथ ही, राजनिवेश पोर्टल पर एआई चैटबॉट शुरू कर निवेशकों को त्वरित और सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।