राजस्थान में बढ़ते तापमान के बीच जल संकट के बीच जलदाय मंत्री के बयान ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। प्रदेश में गहराते पेयजल संकट को लेकर जलदाय मंत्री ने विवादित बयान दिया है।
राजस्थान भीषण गर्मी के चलते पानी, बिजली और स्वास्थ्य को लेकर व्यवस्था गड़बड़ा गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार अधिकारियों को प्रबंधन का आदेश दे चुके है। लेकिन विभाग के मंत्रियों के बयान बिल्कुल ही अलग आ रहे है। इसी कड़ी में गहराते पेयजल संकट पर जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने विवादित बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि 'वे कोई बालाजी नहीं है, जो फूंक मार दें और पानी आ जाए।' जलदाय विभाग के इंजीनियरों के साथ सोमवार को यहां बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही।
मंत्री ने कहा कि यह बात वे इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले वर्ष बारिश कम हुई और अब बांधों में महज 35 प्रतिशत पानी ही रह गया है। यही हाल बीसलपुर का भी हुआ। मेरी तो भगवान से प्रार्थना है कि मानसून ऐसा आए कि बांध भर जाएं। नहीं तो हो सकता है कि कई जगह ट्रेन से पानी पहुंचाना पड़े। उन्होंने कहा, सीएम भजनलाल भी गर्मी में पेयजल संकट के समाधान को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
कन्हैया लाल ने कहा कि पिछले साल मानसून में औसत वर्षा 543.43 एमएम रही. जबकि 2022 में मानसून के दौरान औसत वर्षा 668.74 एमएम रही थी। कम वर्षा के कारण पिछले साल 13 जिले आपदा प्रभावित घोषित किए गए. 2022 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन 45.72 लाख थे। जो बढ़कर अब 52,69,574 हो चुके हैं। ऐसे में पानी की डिमांड लगातार बढ़ने का हवाला देते हुए कहा दिया कि जो हमारे पास पानी होगा. उसे ही सप्लाई किया जा सकता है।