Rainfall Forecast : राजस्थान में मौसम का अचानक बदला मिजाज, छह जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी, अगले 180 मिनट में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी, मौसम विभाग अलर्ट, आकाशीय बिजली और तेज बारिश का खतरा, कई जिलों में ऑरेंज और यलो अलर्ट लागू।
Heavy Rain Alert: जयपुर। राजस्थान में मानसून एक बार फिर से सक्रिय होता दिख रहा है। मौसम विभाग ने 9 जुलाई की देर रात अचानक मौसम में बदलाव के संकेत देते हुए चेतावनी जारी की है। विभाग ने बताया कि अगले 180 मिनट में प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना बन रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने अलवर, दौसा, कोटपूतली, अजमेर, झुंझुनूं और सीकर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने और कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा आकाशीय बिजली गिरने और 30 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी भी दी गई है।
वहीं जयपुर, भरतपुर, चूरू, नागौर, टोंक, धौलपुर, बारां, सवाईमाधोपुर, करौली और भीलवाड़ा जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम बारिश, तेज हवाएं और वज्रपात की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और बारिश व आकाशीय बिजली से सतर्कता बरतें। किसान वर्ग को सलाह दी गई है कि वे खुले खेतों में काम करने से बचें और पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखें।
जयपुर। राजस्थान में मानसून की सक्रियता एक बार फिर तेज होती नजर आ रही है। मौसम विभाग ने 11 और 12 जुलाई को प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। खासतौर पर कोटा, जयपुर, अजमेर, उदयपुर और भरतपुर संभागों में मौसम बिगड़ने के पूरे आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर के अनुसार, पश्चिम बंगाल के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से मानसून ट्रफ लाइन पंजाब और हरियाणा से होकर राजस्थान की ओर बढ़ रही है, जिससे प्रदेश में नमी और वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है।
10 जुलाई से ही कोटा व भरतपुर में बारिश की रफ्तार बढ़ेगी, लेकिन 11 और 12 जुलाई को यह असर और तेज होगा। इन दो दिनों में जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा और भरतपुर क्षेत्रों में कहीं-कहीं मूसलाधार बारिश होने की प्रबल संभावना है। ऐसे में निचले इलाकों में जलभराव और ग्रामीण क्षेत्रों में कटाव जैसी स्थितियां बन सकती हैं।