Who will become Lok Sabha Speaker : लोकसभा स्पीकर पद को लेकर रहस्य बरकरार है। हर जगह सिर्फ एक चर्चा है कि क्या इस बार भी लोकसभा स्पीकर भाजपा का होगा या किसी अन्य दल को मौका मिलेगा। इस गरम सवाल पर अशोक गहलोत ने कहाकि स्पीकर का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।
Who will become Lok Sabha Speaker : नरेंद्र मोदी ने 9 जून की शाम तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। अब राजनीतिक गलियारों में लोकसभा स्पीकर पद पर कौन चुना जाएगा यह सवाल सुर्खियों में आ गया है। इस सवाल पर अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया अकांउट X पर लिखा कि लोकसभा स्पीकर पद के चुनाव की ओर केवल TDP एवं JDU ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता उत्सुकता से देख रही है। यदि भाजपा के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो उन्हें स्पीकर का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।
अशोक गहलोत ने आगे कहा गठबंधन धर्म को निभाते हुए 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में TDP व शिवसेना के स्पीकर एवं UPA सरकार में 2004 से 2009 तक CPI(M) के स्पीकर रहे और अच्छे से लोकसभा का प्रबंधन हुआ।
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अशोक गहलोत ने कहा, TDP और JDU को महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश एवं राजस्थान में भाजपा द्वारा किए गए सरकार गिराने के षड़यंत्रों को नहीं भूलना चाहिए। इनमें से कई राज्यों में तो स्पीकर की भूमिका के कारण ही सरकार गिरी और पार्टियां टूटीं।
अशोक गहलोत ने कहा, 2019 में TDP के 6 में से 4 राज्यसभा सांसद भाजपा में शामिल हो गए थे और तब TDP कुछ भी नहीं कर सकी थी। अब अगर भाजपा लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखती है तो TDP और JDU को अपने सांसदों की हॉर्स ट्रेडिंग होते देखने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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