राजस्थान का खजाना: खनन व खनिज कानूनों में केंद्र सरकार ने छह नए बदलाव किए हैं, जिसका सीधा असर राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। यहां पढ़ें प्रदेश में सोना-चांदी आदि के खनन को लेकर क्या स्थितियां हैं।
जयपुर। केंद्र सरकार ने देश के खनिज संसाधनों के दोहन को गति देने के लिए 'खनन और खनिज (विकास एवं विनियमन) कानून' में छह बड़े बदलाव किए हैं। इनसे न केवल रणनीतिक और क्रिटिकल मिनरल्स की खोज आसान होगी, बल्कि राजस्थान जैसे खनिज-समृद्ध राज्यों को सीधा फायदा मिलेगा। छह बदलावों पर केंद्रीय खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, 'लिथियम जैसे खनिजों के लिए हम विदेशों पर निर्भर हैं। इन बदलावों से खनिज-समृद्ध प्रदेशों को रॉयल्टी और रोजगार दोनों मिलेंगे।'
ये हैं छह अहम बदलाव
क्रिटिकल मिनरल्स: सोना, चांदी, लिग्नाइट, टंगस्टन, ग्रेनाइट, जिप्सम, बेंटोनाइट।
रेयर अर्थ: खोज जारी, आने वाले समय में नीलामी की तैयारी।
अन्य: कॉपर, जिंक, फॉस्फोराइट, लाइमस्टोन सहित कई औद्योगिक खनिज।
राजस्थान में मेजर मिनरल में शामिल सोना, चांदी सहित अन्य क्रिटिकल श्रेणी के कई मिनरल हैं। नियमों में संशोधन का राजस्थान को भी कुछ फायदा मिल सकता है। हालांकि राजस्थान में सोने की दो खदानों की नीलामी की जा चुकी है। अन्य खानों की भी नीलामी होनी है। प्रदेश में क्रिटिकल श्रेणी के भी कई मिनरल हैं, अभी उनकी खोज चल रही है।
आने वाले समय में इन खदानों की भी नीलामी होगी। प्रदेश में रेयर अर्थ की खोज पर काम चल रहा है। अभी कई ऐसे खनिज हैं जिनकी खोज नहीं हो सकी है। अब केंद्र सरकार के स्तर पर खोज के लिए कंपनी बनने से इसका भी राजस्थान में खनिजों की खोज में लाभ मिलेगा।