Rakesh Bishnoi Suicide Case: जयपुर के एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर रेजिडेंट डॉक्टर राकेश बिश्नोई की आत्महत्या के मामले में चल रहे विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को तूल पकड़ लिया।
Rakesh Bishnoi Suicide Case: जयपुर के एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर रेजिडेंट डॉक्टर राकेश बिश्नोई की आत्महत्या के मामले में चल रहे विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को तूल पकड़ लिया। जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी कर रहे नागौर जिले के जारोड़ा निवासी डॉ. राकेश बिश्नोई ने सल्फास खाने के बाद रविवार देर रात जयपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
इस घटना के बाद परिजनों और समर्थकों ने विभागाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर धरना शुरू किया। इस धरने में कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया, युवा नेता निर्मल चौधरी, अनिल चोपड़ा समेत कई नेता शामिल हुए।
प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को स्थिति तनावपूर्ण हो गई, क्योंकि पुलिस ने धरना स्थल पर टेंट लगाने से रोका। इस बात को लेकर निर्मल चौधरी, अभिमन्यू पूनिया, अनिल चोपड़ा सहित कई युवा नेताओं की मालवीय नगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आदित्य पूनिया के साथ झड़प हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने पुलिस पर प्रशासन के इशारे पर धरने को दबाने और पीड़ित परिवार को डराने का आरोप लगाया। विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि पुलिस प्रशासन और सरकार के दबाव के बावजूद हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डटकर मुकाबला करेंगे। स्व. राकेश बिश्नोई की मौत को षड्यंत्रकारी हत्या बताकर इसे दबाने की कोशिश की जा रही है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं, निर्मल चौधरी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार पुलिस के दम पर पीड़ित परिवार को डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम उनकी इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे। हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक राकेश बिश्नोई के परिवार को न्याय नहीं मिल जाता।
रेजिडेंट डॉक्टर राकेश बिश्नोई की मौत के बाद उनके परिजनों और रेजिडेंट्स ने सीनियर डॉक्टर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मृतक ने मरने से पहले सीनियर डॉक्टर पर परेशान करने का आरोप लगाया था। उन्होंने वरिष्ठ डॉक्टर राजकुमार राठौड़ पर थिसिस को लेकर प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए थे।
वहीं, जोधपुर के रेजिडेंट्स का कहना है कि उनसे नियमों के विपरीत लंबे समय तक काम कराया जाता है और सीनियर्स द्वारा मानसिक दबाव बनाया जाता है, जिसके चलते ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। परिजन और समर्थक इस मामले को आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या मान रहे हैं और आरोपी सीनियर डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।