जयपुर

RGHS योजना: मंत्री खींवसर की चेतावनी, बोले- सेवाएं रोकने वाले अस्पतालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, किया ये दावा

राजस्थान सरकार के आरजीएचएस योजना में गड़बड़ी करने वाले और सेवाएं देने से मना करने वाले निजी अस्पतालों को चेतावनी दी गई है। चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि दोषी अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। फिलहाल, 520 में से 350-400 अस्पताल पूरी सेवाएं दे रहे हैं।

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Aug 27, 2025
RGHS Scheme (Patrika Photo)

जयपुर: राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) के अंतर्गत निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज बहिष्कार के बीच चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा है कि कुछ निजी अस्पताल योजना को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। ये ऐसे अस्पताल हैं, जिन्होंने गड़बड़ियां की हैं और उनकी जांच चल रही है। अब ये अनुचित दबाव बनाकर अपना भुगतान प्राप्त करना चाहते हैं।


मंगलवार को मंत्री खींवसर ने बयान जारी कर दावा किया कि योजना में प्रतिदिन औसतन 520 अस्पताल संचालित होते हैं। हड़ताल के बीच भी इनमें से 25 और 26 अगस्त को 350-400 निजी अस्पतालों ने सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सेवाएं देने से मना करने वाले अस्पतालों के खिलाफ एमओयू के नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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नियमों का उल्लंघन करने पर संबद्धता होगी निरस्त


मंत्री खींवसर ने कहा, नियमों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों की आरजीएचएस योजना से संबद्धता निरस्त करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह अनियमितताओं और गड़बड़ियों में संलिप्त कई निजी अस्पतालों पर भी कार्रवाई की गई है। लगभग 850 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।


अस्पतालों के भुगतान बकाया


मार्च, 2025 से पहले की अवधि के अधिकांश दावों के भुगतान उन अस्पतालों के बकाया हैं। योजना में अनुमोदित अस्पतालों से संबंधित आईपीडी, ओपीडी, डेकेयर और फॉर्मेसी के 196 करोड़ रुपए के दावे पारित होकर भुगतान की प्रक्रिया में हैं।


सेवाएं नहीं देने वालों की सूची बना रहे


विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि सेवाएं देने से मना करने वाले अस्पतालों की सूची तैयार की जा रही है। इन पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में 350 से अधिक अस्पतालों के आवेदन योजनान्तर्गत एम्पेनल के लिए विचाराधीन हैं।


कई अस्पतालों में नहीं मिला इलाज


निजी अस्पतालों के संयुक्त मंच राजस्थान एलायंस ऑफ ऑल हॉस्पिटल्स एसोसिएशन (राहा) के आह्वान पर सोमवार से शुरू हुआ कैशलेस इलाज का बहिष्कार मंगलवार को भी जारी रहा। इसके चलते मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती होने और इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ा। राहा के संयोजकों का कहना है कि योजना में लगातार हो रही अनियमितताओं और भुगतान में महीनों की देरी ने निजी स्वास्थ्य सेवाओं को संकट में डाल दिया है।

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Published on:
27 Aug 2025 08:12 am
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