Investment Summit: खनन और पर्यटन बनेगा राजस्थान का विकास इंजन। 35 लाख करोड़ के एमओयू से राजस्थान बनेगा बिजनेस हब।
Rising Rajasthan: जयपुर। राजस्थान अपनी समृद्ध खनिज संपदा, अनुकूल भौगोलिक स्थिति और निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियों के दम पर वैश्विक स्तर पर बिजनेस फ्रेंडली स्टेट के रूप में नई पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ के तहत हुए 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौतों (एमओयू) की समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह समिट केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि प्रदेश के सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन एमओयू के धरातल पर उतरने से न केवल बुनियादी ढांचे का विकास होगा, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
1-भूमि आवंटन सहित अन्य प्रक्रियाओं में तेजी लाई जाए और सभी एमओयू को समयबद्ध रूप से लागू करें।
2- यदि निवेशकों को उनकी पसंद की लोकेशन पर जमीन उपलब्ध नहीं हो पाती, तो वैकल्पिक स्थानों की व्यवस्था की जाए।
3-छोटे से छोटा निवेश भी प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का आधार बनता है।
4- जिला कलेक्टर्स को इन एमओयू की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग करने और निवेशकों के साथ निरंतर संपर्क में रहें।
सीएम ने खनन और पर्यटन को राजस्थान के विकास का प्रमुख इंजन बताया। उन्होंने कहा कि खनिज संपदा का व्यापक सर्वे करवाया जाए और खनन, पेट्रोकेमिकल व पर्यटन क्षेत्र में प्री-समिट आयोजित की जाएं। पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान की ऐतिहासिक हवेलियों, किलों और महलों को और अधिक विकसित करने पर जोर दिया। खासकर शेखावाटी की हवेलियों को पर्यटन की दृष्टि से संरक्षित और सुदृढ़ करने की बात कही।
आगामी दिसंबर में जयपुर में होने वाले ‘राइजिंग राजस्थान पार्टनरशिप कॉन्क्लेव-2025’ की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। इस कॉन्क्लेव में निवेशकों को एमओयू की प्रगति और औद्योगिक विकास की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, युवा, महिला और किसानों पर केंद्रित सत्रों के साथ-साथ ‘एक जिला एक उत्पाद’ प्रदर्शनी भी आयोजित होगी। यह आयोजन राजस्थान को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में एक और कदम होगा।