Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में स्पाई कैमरे लगाए जाने के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया।
Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में स्पाई कैमरे लगाए जाने के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल का बहिष्कार कर सदन से वॉकआउट कर लिया। दूसरी ओर, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा को उनके जवाबों को लेकर कठघरे में खड़ा किया।
वहीं, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने विपक्ष पर टोपी और टी-शर्ट की राजनीति करने का तंज कसा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की राजनीति टोपी-टीशर्ट में ही सिमटकर रह गई।
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विपक्षी सीटों की ओर अतिरिक्त कैमरे लगाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने स्पीकर से इस पर तत्काल व्यवस्था देने की मांग की। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि वह प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे पर व्यवस्था देंगे, लेकिन जूली तुरंत जवाब देने की मांग पर अड़ गए।
जूली ने कहा कि जब तक इस मुद्दे पर व्यवस्था नहीं दी जाती, हम सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और पोस्टर लहराए। करीब 15 मिनट तक हंगामा चलता रहा, लेकिन प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रही। अंततः कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल का बहिष्कार कर सदन से वॉकआउट कर लिया।
इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर भी विरोध जताया। उन्होंने एमएलए क्वार्टर से विधानसभा परिसर तक पैदल मार्च किया और 'जासूसी बंद करो' के नारे लगाए। जूली ने आरोप लगाया कि विपक्षी सीटों की ओर कैमरे लगाकर उनकी निजता का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जासूसी है। हमारी निजी बातें सुनने के लिए कैमरे लगाए गए हैं।
वहीं, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस के बहिष्कार पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष की गैरमौजूदगी से सदन में खालीपन महसूस हो रहा है। उनके चिल्लाने के बावजूद सवालों का जवाब देना मजेदार होता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विपक्ष अब टोपी और टी-शर्ट की राजनीति तक सिमट गया है।
मंत्री राठौड़ ने स्पीकर की तारीफ करते हुए कहा कि स्पीकर विपरीत परिस्थितियों में भी सदन को बखूबी चला रहे हैं। सेना की कहावत है कि- 'मुश्किल वक्त, कमांडो सख्त'। स्पीकर उसी तरह काम कर रहे हैं। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने भी साफ किया कि सदन नियमों से चलेगा और वह किसी दबाव में नहीं आएंगे।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के जवाबों पर सवाल उठाए। शर्मा ने सिविल लाइंस में विकास कार्यों को लेकर मंत्री के जवाब को 'झूठा और आपत्तिजनक' बताया। उन्होंने पूछा कि स्थानीय विकास परियोजनाओं में विधायकों और जनप्रतिनिधियों की राय क्यों नहीं ली जाती। शर्मा ने कहा कि आप कहते हैं कि विधायकों से सलाह नहीं ली जाती। सरकार किसकी है?
इसके जवाब में खर्रा ने कहा कि सिविल लाइंस में 101 करोड़ रुपये के कार्य मंजूर किए गए हैं और भविष्य में जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) को निर्देश दिए जाएंगे कि वह स्थानीय विधायकों से विचार-विमर्श करे।शर्मा ने पूरक सवाल में जेडीए पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जेडीए ने नगर निगम क्षेत्र में सिविल लाइंस में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तोड़फोड़ की। उन्होंने सवाल किया कि जेडीए को नगर निगम क्षेत्र में हस्तक्षेप करने की इजाजत किसने दी? 30 फीट चौड़ी सड़क बनाने के लिए जेडीए ने ऐसा क्यों किया? विधायक ने 74वें संविधान संशोधन का हवाला देते हुए जेडीए की जरूरत पर भी सवाल उठाया। जवाब में खर्रा ने कहा कि जेडीए और नगर निगम को समन्वय से काम करना चाहिए और वह इस मामले को देखेंगे।