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विधानसभा में विपक्ष की जासूसी! कांग्रेस ने किया अनूठा प्रदर्शन; ‘जग्गा जासूस’ की टोपी पहनकर लगाए नारे

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष की ओर अतिरिक्त कैमरे लगाए जाने का मुद्दा गर्माया हुआ है। कांग्रेस ने इसे निजता के हनन और जासूसी का आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज किया है।

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Congress Protest

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष की ओर अतिरिक्त कैमरे लगाए जाने का मुद्दा गर्माया हुआ है। कांग्रेस ने इसे निजता के हनन और जासूसी का आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज किया है। बुधवार को कांग्रेस विधायकों ने एमएलए क्वार्टर से विधानसभा परिसर तक पैदल मार्च निकाला और जग्गा जासूस की टोपी पहनकर 'जासूसी बंद करो' के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया।

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि विपक्ष की ओर कैमरे लगाकर उनकी निजी बातें सुनने की कोशिश की जा रही है, जो स्पष्ट रूप से जासूसी है।

कैमरे लगाने के मुद्दे पर हंगामा

दरअसल, बीते मंगलवार को सदन में इस मुद्दे ने तूल पकड़ा था। कांग्रेस ने विपक्ष की ओर अतिरिक्त कैमरे लगाने को लेकर सवाल उठाया, जिस पर स्पीकर की ओर से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया। प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष को सवाल पूछने की अनुमति नहीं मिलने पर हंगामा हुआ और सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा।

इसके बाद धर्मांतरण विरोधी बिल पर बहस से पहले सहमति बनी, लेकिन कैमरे के मुद्दे पर बहस फिर गरमा गई। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने पलटवार करते हुए कहा कि यह बेडरूम नहीं है कि निजता का हनन होगा। इस बयान के बाद कांग्रेस विधायक वेल में उतर आए।

कैमरों की जरूरत और तर्क

सदन में पहले से ही कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन हाल ही में विधायकों को दिए गए आईपैड की सुरक्षा और निगरानी के लिए अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं। सरकार का कहना है कि ये कैमरे सुरक्षा के दृष्टिकोण से जरूरी हैं। हालांकि, कांग्रेस इसे निजता पर हमला मान रही है और इसे जासूसी का हथकंडा बता रही है। टीकाराम जूली ने कहा कि विपक्ष की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए ये कैमरे लगाए गए हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।

मानसून सत्र का अंतिम दिन

गौरतलब है कि बुधवार को मानसून सत्र का अंतिम दिन है। आज प्रश्नकाल के बाद झालावाड़ स्कूल हादसे में मारे गए बच्चों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी जाएगी। सत्र के पहले दिन इस श्रद्धांजलि को लेकर भी कांग्रेस ने हंगामा किया था, क्योंकि तब इसे शामिल नहीं किया गया था। आज दो महत्वपूर्ण बिल भी पास होने की संभावना है। हालांकि, पिछले दो दिनों से कांग्रेस के हंगामे के कारण शून्यकाल में कोई कामकाज नहीं हो सका।

कांग्रेस की आक्रामक रणनीति

इस मानसून सत्र में कांग्रेस शुरू से ही आक्रामक रही है। हर दिन नए मुद्दों को उठाकर पैदल मार्च और विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। चाहे वह कैमरे का मुद्दा हो, झालावाड़ हादसा हो, कानून व्यवस्था हो, किसानों की फसलें अतिवृष्ठी से खराब हो या अन्य स्थानीय समस्याएं, कांग्रेस ने हर मौके पर सरकार को घेरने की कोशिश की है।