Rajasthan Police: राजस्थान के अंदर बीते दो सालों में एससी/एसटी एक्ट के मामलों में कमी देखने को मिली है। राजस्थान पुलिस ने इससे जुड़ा आंकड़ा पेश किया है।
जयपुर। राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्थान पुलिस द्वारा समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर कठोर निगरानी और संवेदनशीलता अपनाने के परिणाम अब स्पष्ट दिखने लगे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में राज्य में एससी/एसटी अत्याचार से जुड़े मामलों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज हुई है।
पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि सीसीटीएनएस के अनुसार नवंबर 2023 की तुलना में नवंबर 2025 में कुल एससी/एसटी अत्याचार मामलों में 28.23 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। वहीं नवंबर 2024 की तुलना में नवंबर 2025 में 17 प्रतिशत की गिरावट सामने आई है।
नवंबर 2023 में एससी/एसटी एक्ट के 10,273 मामले दर्ज हुए थे, जबकि वर्ष 2025 में यह संख्या घटकर 7,373 रह गई। यानी दो वर्षों में 2,900 मामलों की कमी दर्ज की गई। वहीं वर्ष 2024 में 8,883 प्रकरण सामने आए थे, जो वर्ष 2025 में घटकर 7,373 रह गए।
डीजीपी शर्मा ने बताया कि एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत त्वरित एफआईआर पंजीकरण की नीति से पीड़ितों का विश्वास बढ़ा है और जांच की गति भी तेज हुई है।
यह आंकड़ा दर्शाता है कि राजस्थान पुलिस ने अन्वेषण कार्यों में प्रभावी तेजी लाई है।
राजस्थान पुलिस ने कमजोर व वंचित वर्गों के विरुद्ध होने वाले गंभीर अपराधों- हत्या, बलात्कार, अपहरण, गंभीर चोट और एससी/एसटी अत्याचार जैसे मामलों में त्वरित अनुसंधान और सख्त कार्रवाई की है। इससे अपराध नियंत्रण में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
राज्य में लागू नए आपराधिक कानूनों के अनुसार प्रकरणों का 60 दिनों में निस्तारण सुनिश्चित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इससे पीड़ितों को जल्द न्याय मिलने का मार्ग और आसान होगा।