Diarrhea Prevention : पांच वर्ष से छोटे बच्चों की 4.1% मौतें दस्त से जुड़ी जटिलताओं से, दस्त रोग बना नन्हें बच्चों की जान का खतरा, बचपन में मृत्यु के पीछे दस्त रोग की बड़ी भूमिका, रिपोर्ट में खुलासा।
Stop Diarrhea Campaign : जयपुर। हर साल लाखों छोटे बच्चों की जान ऐसी बीमारियों के कारण चली जाती है, जिन्हें सही समय पर रोका जा सकता है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पांच वर्ष से छोटे बच्चों में होने वाली कुल मृत्यु का लगभग 4.1 प्रतिशत हिस्सा केवल दस्त रोग और उससे जुड़ी जटिलताओं के कारण होता है। यह आंकड़ा न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था और जागरूकता अभियानों की गंभीर खामियों की ओर भी इशारा करता है। साफ-सफाई, स्वच्छ जल और समय पर उपचार जैसे उपायों से इन मौतों को रोका जा सकता है। जरूरत है सिर्फ सतर्कता और जागरूकता की।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने मंगलवार को जयपुर स्थित अपने राजकीय निवास पर स्टॉप डायरिया अभियान का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्यु में करीब 4.1% मौतें डायरिया की जटिलताओं के कारण होती हैं, जिसे रोकने के लिए यह अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है।
अभियान के अंतर्गत बच्चों को ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियों का वितरण किया जाएगा। यह कार्य आशा सहयोगिनियों के माध्यम से घर-घर जाकर किया जाएगा। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों व चिकित्सा संस्थानों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर बनाए जाएंगे।
इस दौरान “डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान” थीम पर आधारित गतिविधियां चलाई जाएंगी। अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, जलदाय, नगरीय व ग्रामीण विकास जैसे विभागों को भी शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. अमित यादव ने बताया कि जिला कलक्टर्स एवं सीएमएचओ को अभियान के सुचारू संचालन के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अभियान का उद्देश्य इलाज के साथ-साथ जागरूकता के ज़रिये बचाव को प्राथमिकता देना है, ताकि हर बच्चा सुरक्षित रहे।