Smartphone Addiction: सोशल मीडिया पर अश्लील व आक्रामक सामग्री अधिक दिखती है। बच्चों को डांटने की बजाय उनकी समस्याओं को समझकर समाधान करें।
Mobile Mania: मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग और निर्भरता (मोबाइल मेनिया) न केवल सामाजिक संबंधों को कमजोर कर रही है, बल्कि गंभीर अपराध और आत्महत्या जैसे मामलों को जन्म दे रही है। यह समस्या बच्चों और युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। शहरों से लेकर गांवों तक, हर आयु वर्ग के लोग इसके शिकार हो रहे हैं।
मां-बाप अनजाने में बच्चों को मोबाइल की लत लगा रहे हैं। बच्चा रोता है तो मोबाइल देकर चुप करवाते हैं। बच्चा खाना नहीं खाता तो मोबाइल देकर उसे खाना खिलाते हैं। बच्चा इधर-उधर न चला जाए तो उसे मोबाइल देकर एक जगह बैठा देते हैं। इससे बाल अवस्था में ही बच्चे को मोबाइल की लत लग रही है। अभिभावकों को इसके दुष्प्रभाव बाद में नजर आते हैं।
बच्चों को मोबाइल से दूर करने के लिए उनके साथ समय बिताना और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाना आवश्यक है। बच्चों के सामने खुद मोबाइल का अत्यधिक उपयोग न करें। अगर मोबाइल एक जरूरत है, तो इसका इस्तेमाल नियंत्रित तरीके से करें और बच्चों को भी इसका सकारात्मक उपयोग सिखाएं। बच्चों पर नजर रखें कि वे मोबाइल पर क्या कर रहे हैं। उन्हें घर के छोटे-छोटे कामों में शामिल करें। उनका समय सोशल मीडिया और मोबाइल की बजाय परिवार के साथ बिताने पर केंद्रित करें। क्योंकि सोशल मीडिया पर अश्लील व आक्रामक सामग्री अधिक दिखती है। बच्चों को डांटने की बजाय उनकी समस्याओं को समझकर समाधान करें।
फरवरी-2024: अजमेर के सिविल लाइंस क्षेत्र में पिता ने मोबाइल छीन लिया तो दसवीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या कर ली।
जुलाई-2024: कोटा की अनंतपुरा तालाब बस्ती में 7वीं कक्षा की छात्रा ने गेम खेलने से रोके जाने पर अपनी जान दे दी।
नवंबर-2024: मुंबई में मोबाइल पर खेल रहे 16 वर्षीय लड़के को उसके पिता ने पढ़ाई के लिए टोका। इसी बात पर लड़के ने आत्महत्या कर ली।
नवंबर-2024: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बड़े भाई ने छोटे भाई से मोबाइल छीन लिया। छोटे भाई ने आवेश में आकर आत्महत्या कर ली।