Drone startups In Rajasthan: राजस्थान में सोलर ड्रोन से कृषि निगरानी लॉजिस्टिक्स में आई नई क्रांति। जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर में सौर ऊर्जा चालित ड्रोन स्टार्टअप्स की 15% तक हुई वृद्धि।
अरुण कुमार
Agriculture Technology: जयपुर। राजस्थान में सौर ऊर्जा चालित ड्रोन 2024 में कृषि निगरानी, फसल प्रबंधन और ग्रामीण लॉजिस्टिक्स में नया आयाम ला रहे हैं। मारुत ड्रोन्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ड्रोन सेक्टर 900 करोड़ रुपए तक पहुंचा, जिसमें राजस्थान का योगदान 10% रहा। सौर ड्रोन, जो 142 जीडब्ल्यू सौर क्षमता वाले राजस्थान में सस्ती और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा का उपयोग करते हैं, 15% वार्षिक वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, उदयपुर, और कोटा, शेखावाटी, गंगानगर व बाड़मेर आदि जिलों में ये ड्रोन फसल स्वास्थ्य, कीटनाशक छिडक़ाव, और बीज बुआई में 25% मुनाफा दे रहे हैं। सरकारी सब्सिडी ने इस क्षेत्र को और आकर्षक बनाया।
जयपुर के वैशाली नगर, मालवीय नगर, और टोंक रोड क्षेत्रों में 50 से अधिक ड्रोन स्टार्टअप्स हैं, जो 5,000 हेक्टेयर खेतों की निगरानी करते हैं। जोधपुर के ओसियां और फलोदी में 2,000 ड्रोन बाजरा और ग्वार की फसलों पर कीटनाशक छिडक़ाव के लिए उपयोग किए गए। बाड़मेर में रेगिस्तानी खेती (खजूर, अनार) के लिए 1,500 ड्रोन मिट्टी विश्लेषण और सिंचाई प्रबंधन में लगे हैं। उदयपुर के डबोक और कोटा के विज्ञान नगर में ड्रोन लॉजिस्टिक्स ने ग्रामीण डिलीवरी (उर्वरक, बीज) को 30% तेज किया। 2024 में 10,000+ किसानों ने इन सेवाओं का लाभ उठाया, जिसमें 40 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान थे।
नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत 2024-26 में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन दिए जाएंगे, जिसमें राजस्थान की 2,000 स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। व्यक्तिगत किसानों को स्मन योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी (5 लाख तक) और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) को 75% सब्सिडी मिल रही है। राइजिंग राजस्थान 2024 में 500 करोड़ के निवेश से ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र (एमएनआईटी जयपुर, आईआईटी जोधपुर) और 10 ड्रोन हब प्रस्तावित हैं। सौर ड्रोन की लागत (3.5-15 लाख) को 80% तक सब्सिडी ने किफायती बनाया।
सोलर ड्रोन ने फसल उपज में 20-30% वृद्धि और रासायनिक उपयोग में 50% कमी लाई। बाड़मेर और जोधपुर में ग्रामीण लॉजिस्टिक्स लागत 25% घटी। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी (केवल 30% किसानों को जानकारी), बैटरी रखरखाव, और तकनीकी प्रशिक्षण की कमी बाधाएं हैं। ड्रोन नियम 2021 के तहत निष्कर्ष बियांड विजुअल लाइन ऑफ साइट (बीवीएलओएस)उड़ानों के लिए मंजूरी प्रक्रिया जटिल है। जयपुर, जोधपुर, और बाड़मेर में सोलर ड्रोन कृषि और लॉजिस्टिक्स में क्रांति ला रहे हैं। नमो ड्रोन दीदी और स्मन जैसी योजनाओं से 2025 तक 200 करोड़ का कारोबार और 5,000 रोजगार सृजन संभव है।
| वर्ष | सोलर ड्रोन स्टार्टअप्स (संख्या व क्षेत्रवार) | लाभान्वित किसान (लाख में) | कुल कारोबार (करोड़ रु.) | कुल सब्सिडी (करोड़ रु.) |
|---|---|---|---|---|
| 2020 | 20 (जयपुर - 10, जोधपुर - 5, बाड़मेर - 3) | 0.5 | 20 | 10 |
| 2021 | 30 (जयपुर - 15, जोधपुर - 8, बाड़मेर - 4) | 0.7 | 30 | 15 |
| 2022 | 40 (जयपुर - 20, जोधपुर - 10, उदयपुर - 5) | 1.0 | 50 | 25 |
| 2023 | 50 (जयपुर - 25, कोटा - 8, बाड़मेर - 6) | 1.5 | 70 | 35 |
| 2024 | 65 (जयपुर - 30, जोधपुर - 15, बाड़मेर - 10, उदयपुर - 5, कोटा - 5) | 2.0 | 90 | 50 |
स्रोत: नासकॉम एवं राजस्थान कृषि विभाग