स्पॉट बिलिंग सिस्टम चार साल पुराने उपकरण बदलने में कर रही आनाकानी से रेवेन्यू वसूली का गिरने लगा है ग्राफ
जयपुर। जयपुर डिस्कॉम में चार साल पहले शुरू की गई स्पॉट बिलिंग व्यवस्था अब खुद डिस्कॉम के लिए ही सिरदर्द साबित होने लगी है। चार साल पहले राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई सेवा प्रदाता कंपनी की लापरवाही के चलते बेपटरी हो रही है। मीटर रीडरों को दिए गए चार साल पुराने मोबाइल और प्रिंटर तकनीकी समस्याओं के चलते हांफ रहे हैं।
शुरुआत में इस ऑन-स्पॉट बिलिंग सिस्टम से डिस्कॉम के राजस्व में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन अब तकनीकी समस्याओं के चलते रेवेन्यू वसूली प्रभावित हो रही है। ऑन स्पॉट बिल जारी होने पर उपभोक्ता समय से पहले बिल का भुगतान कर देते थे, जिससे डिस्कॉम को समय पर राजस्व मिलता था। लेकिन अब मासिक बिल जारी होने में देरी हो रही है और 10 दिन का अतिरिक्त समय मिलने से राजस्व लक्ष्य पूरे नहीं हो पा रहे।
बिलिंग के लिए मोबाइल
राजस्व वसूली में तेजी लाने के लिए चार साल पहले डिस्कॉम ने ठेका फर्म के माध्यम से मीटर रीडरों को मोबाइल और प्रिंटर मुहैया कराए थेए ताकि उपभोक्ताओं को तुरंत बिजली बिल जारी किया जा सके। लेकिन अब इन उपकरणों में लगातार समस्याएं आ रही हैं। प्रिंटर की बैटरी 20-30 बिल प्रिंट करते ही खत्म हो जाती है। जिसके बाद मीटर रीडरों को कार्यालय लौटना पड़ता है। इससे कामकाज में भारी रुकावट आ रही है। इस स्थिति में शहर के 600 से ज्यादा मीटर रीडरों को हर दिन 200 ऑन स्पॉट बिल जारी करने का निर्देश दिया गया है। जिससे काम में बाधाएं आ रही हैं और वे कार्रवाई के डर से दबाव में हैं।
इनका कहना है…
ठेका फर्म पुराने उपकरणों को बदलने में आनाकानी कर रही है। जिससे फील्ड स्टाफ को भी परेशानी हो रही है और डिस्कॉम का मासिक राजस्व लगातार घट रहा है। इस मुद्दे को प्रबंधन की उच्च स्तरीय बैठकों में बार-बार उठाया गया है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया। . आरएस मीणा, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान बिजली वर्कर्स फेडरेशन-एटक