Jaipur Weddings: देवउठनी एकादशी से विवाह व गृह प्रवेश सहित अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। साथ ही इस दिन मंदिरों में भगवान सालिगराम और तुलसी का विवाह भी होगा।
जयपुर. देवउठनी एकादशी से विवाह व गृह प्रवेश सहित अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। साथ ही इस दिन मंदिरों में भगवान सालिगराम और तुलसी का विवाह भी होगा। त्योहारी सीजन के बाद अब शादी-व्याह को लेकर घर से बाजार तक तैयारियां हो रही है। बाजार में खरीदारी परवान पर है। राजधानी में नवंबर और दिसम्बर में 30 हजार से अधिक शादियां होने का अनुमान है। इसे लेकर मैरिज गार्डन, होटल, रिसोर्ट आदि बुक हो चुके हैं। व्यापारियों को दिसंबर तक शादी-ब्याह को लेकर अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है। देव शयन के चार महीने बाद कल पहला स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त है। इसके साथ ही शादी-ब्याह व अन्य मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे। वहीं 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनु मलमास लग जाएगा। इसके बाद अगले साल 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो पाएंगे।
पंचांगीय सावे
नवंबर में सावे: 22 को 7 रेखीय, 23 को 8 रेखीय, 24 को 5 रेखीय, 25 को 6 रेखीय, 26 को 8 रेखीय, 27 को 8 रेखीय सावा।
दिसंबर में सावे: 5 को 7 रेखीय, 6 को 9 रेखीय, 7 को 10 रेखीय व 11 को 9 रेखीय सावा।दो महीने खूब शादियां
दो महीने खूब शादियां
दो महीने खूब शादियां होंगी। इसके लिए विवाह स्थल, रिसोर्ट, कम्युनिटी हॉल तथा होटल बुक हो चुके हैं। जयपुर में नवंबर व दिसंबर में 30 हजार से अधिक शादियां होने का अनुमान हैं।
भवानी शंकर माली, महामंत्री, ऑल वेडिंग इंडस्ट्री फेडरेशन राजस्थान