
प्रतीकात्मक तस्वीर, पत्रिका
Jaipur Crime News: राजधानी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने एक हाई-प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग और लूटपाट गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह गैंग गे डेटिंग ऐप्स के जरिए लोगों को झांसे में लेती थी और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर उनसे पैसे व कीमती सामान लूटती थी। पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी विशाल सिंह है, जो कुख्यात गैंगस्टर अंकित आकोदा का सगा भाई है। पुलिस कमिश्नरेट ऑपरेशंस के स्पेशल कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि पुलिस को खोरा बीसल इलाके में विशाल सिंह के पास अवैध हथियार होने की सूचना मिली थी। उसे इसी मामले में ही पकड़ा गया था, लेकिन उसका फोन देखा तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए, उसने अलग ही खेल चला रखा था।
सूचना के आधार पर पहुंची पुलिस ने जब आरोपी विशाल सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की और उसके पास से अवैध पिस्टल, जिंदा कारतूस और चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की, तब इस ब्लैकमेलिंग गैंग का खुलासा हुआ। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी विशाल एक सक्रिय गैंग का सदस्य है। यह गिरोह ऑनलाइन गे डेटिंग ऐप्स का उपयोग कर ऐसे लोगों से संपर्क करता था, जो समाज में बदनामी के डर से पुलिस में शिकायत नहीं करते।
पुलिस ने बताया कि इस गैंग का संचालन करने वाला विशाल सिंह लोगों को अपने पुराने खाली और बाहर से हमेशा लॉक रहने वाले मकान पर बुलाता था। वे पीछे की दीवार से प्रवेश करते थे। विशाल एनकाउंटर नाम के एक एप से लड़कों हो जोड़ता था और एश करने के नाम पर बुलाता था। कुछ शुल्क लेता था ताकि सब कुछ ऑथेंटिक सा लगे। डेटिंग ऐप से बुलाए गए व्यक्ति को खाली घर में लाकर उसका अन्य लड़कों के साथ चुपचाप आपत्तिजनक वीडियो बनाया जाता था। इसके बाद विशाल और उसके साथी उस व्यक्ति के साथ मारपीट कर लूटपाट करते थे। विरोध करने पर उन्हें हथियार दिखाकर डराया.धमकाया जाता था। चूंकि पीड़ित बदनामी के डर से पुलिस से संपर्क नहीं करते थे, इसलिए यह गैंग बेखौफ होकर अपनी वारदातों को अंजाम दे रही थी और जमकर नोट छाप रही थी।
गिरफ्तार आरोपी विशाल सिंह कुख्यात गैंगस्टर अंकित आकोदा का भाई है, जो वर्तमान में विजेंद्र सिंह गुलाब बाड़ी हत्याकांड के मामले में जेल में बंद है। पुलिस को संदेह है कि विशाल भी उसी आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। पुलिस अब विशाल सिंह से गहन पूछताछ कर रही है ताकि उसके आपराधिक रिकॉर्ड और इस गैंग के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। साथ ही, पुलिस उन पीड़ितों की पहचान करने की कोशिश कर रही है जो बदनामी के डर से चुप रहे। पुलिस को मोबाइल में कई सारे वीडियो मिलने के बारे में भी जानकारी आ रही है।
Published on:
10 Dec 2025 09:44 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
